मनसे ने कृषि ऋण माफी में शर्त लगाये जाने को लेकर उद्धव सरकार पर किया प्रहार

पुणे : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा घोषित कृषि ऋण माफी में लगायी गयी शर्त किसानों से नाइंसाफी है, क्योंकि ऐसे में उनमें से ज्यादातर इस माफी के पात्र नहीं बन पायेंगे. मनसे नेता अनिल शिडोर ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूर्ण कृषि ऋण माफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2019 10:55 PM

पुणे : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा घोषित कृषि ऋण माफी में लगायी गयी शर्त किसानों से नाइंसाफी है, क्योंकि ऐसे में उनमें से ज्यादातर इस माफी के पात्र नहीं बन पायेंगे. मनसे नेता अनिल शिडोर ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूर्ण कृषि ऋण माफी की वादा किया था और शनिवार को जारी सरकारी प्रस्ताव में लगायी गयी शर्त निंदनीय है.

सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है, ‘महात्मा ज्योतिराव फुले किसान ऋण माफी योजना के तहत एक अप्रैल, 2015 और 31 मार्च, 2019 के बीच लिया गया दो लाख रुपये का ऋण, जिसे 30 सितंबर, 2019 तक नहीं चुकाया गया, माफ कर दिया जायेगा.’

कांग्रेस नेता सातव ने ऋण माफी सरकारी प्रस्ताव में संशोधन की मांग की

कांग्रेस नेता राजीव सातव ने शनिवार को मांग की कि महाराष्ट्र सरकार किसानों की ऋण माफी पर सरकारी प्रस्ताव को संशोधित करे. राज्य की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने किसानों के लिए दो लाख रुपये तक की ऋण माफी की घोषणा की है. पूर्व सांसद सातव ने ट्वीट किया, ‘जब इस फैसले की घोषणा की गयी थी तब यह बिल्कुल स्पष्ट था. इस सरकारी प्रस्ताव में नियम जोड़कर भ्रम पैदा करने की कोशिश का क्या मतलब है? मैं सरकार से सरकारी प्रस्ताव संशोधित करने का अनुरोध करता हूं.’

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