निर्भया मामला : ”इन दरिंदों को बनाकर भगवान भी शर्मसार हुए होंगे”

नयी दिल्ली : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि 12 दिसम्बर, 2012 को ‘निर्दोष’ पीड़िता को बचा नहीं पाने और इन ‘पांच दरिंदों’ की रचना करने के लिए भगवान भी शर्मसार हुए होंगे. मेहता ने यह बात निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2019 8:02 PM
an image

नयी दिल्ली : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि 12 दिसम्बर, 2012 को ‘निर्दोष’ पीड़िता को बचा नहीं पाने और इन ‘पांच दरिंदों’ की रचना करने के लिए भगवान भी शर्मसार हुए होंगे.

मेहता ने यह बात निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों में से एक दोषी द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज किये जाने के अनुरोध करने के दौरान कही.

दिल्ली सरकार की ओर से पेश मेहता ने न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली एक पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे हैं जिनके लिए ‘मानवता रोती है’ और निर्भया का मामला उनमें से एक था.

पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना शामिल थे. मेहता ने कहा, ऐसे कई अपराध होते हैं जिनमें मानवता रोती है. उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन भगवान का सिर भी दो कारणों से शर्म से झुक गया होगा.

पहला निर्दोष लड़की को नहीं बचा पाने और दूसरा इन पांच दरिंदों की रचना करके. उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में अपने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए चौथे मुजरिम अक्षय कुमार सिंह की याचिका बुधवार को खारिज कर दी.

इस मामले में तीन अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है. इस मामले में न्यायालय ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन अन्य दोषियों मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.

दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात में चलती बस में छह व्यक्तियों ने 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह घायल करके सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी.

Next Article

Exit mobile version