‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुंबई : महाराष्ट्र में पिछले एक महीने से जारी राजनीतिक ड्रामेबाजी का अंत आज देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण के साथ हो गया. एनसीपी नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. खबर आ रही है कि अजित पवार के साथ-साथ एनसीपी के 54 विधायक हैं और उनके समर्थन की चिट्ठी गवर्नर को सौंपी है. शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिय सुले भी यह कह रहे हैं कि उन्हें अजित पवार के इस फैसले की जानकारी नहीं थी. सुप्रिया सुले ने तो यहां तक कहा कि आप किसपर विश्वास करेंगे. उन्होंने अपने व्हाट्सएप स्टेट्स पर भी यह लिखा है कि परिवार और पार्टी बंट गयी है. अजित पवार के इस कदम के बाद शरद पवार ने शाम 4.30 बजे पार्टी की मीटिंग बुलायी है. हालांकि अजित पवार यह कह रहे हैं कि उन्होंने शरद पवार को अपने इस कदम के बारे में जानकारी दी थी. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में सबकी नजर अजित पवार पर है, तो आइए जानते हैं कौन हैं अजित पवार-
अजित पवार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे हैं और बारामती विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 60 वर्षीय अजित पवार का पूरा नाम अजित अनंतराव पवार है. अजित पवार के पिता अनंतराव, शरद पवार के बड़े भाई हैं. अजित पवार ने 1982 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा और कॉपरेटिव सुगर फैक्टरी के बोर्ड में चुने गये. वे 1991 में पुणे डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन चुने गये थे और 16 सालों तक इस पद पर रहे थे. इस दौरान वे बारामती संसदीय क्षेत्र से चुनकर लोकसभा भी पहुंचे थे. हालांकि बाद में उन्होंने यह सीट शरद पवार के लिए छोड़ दी.
बारामती सीट पर पवार खानदान का बोलबाला रहा है. इस सीट पर शरद पवार और अजित पवार चुनाव जीतते रहे हैं. 1967 से 1990 तक शरद पवार यहां से विधायक रहे. इसके बाद 1991 से अब तक 7 बार अजित पवार यहां से विधायक चुने गये. इस सीट से दोनों ने मिलकर 8 बार कांग्रेस और 4 बार एनसीपी के टिकट पर चुनाव जीता है.
अजित पवार दूसरी बार महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री बने हैं. इससे पहले वे 2010 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार पहली बार उप मुख्यमंत्री बने थे. सितंबर 2012 में घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा हालांकि बाद में अजित पवार को क्लीन चिट दे दी गयी थी.