मुम्बईः महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा उनकी पार्टी के पास अभी 170 विधायकों का समर्थन है. उन्होंने कहा कि यह संख्या 175 को भी पार कर सकती है. इसके साथ ही कहा कि शिवसेना भाजपा से केवल मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा.
राज्य में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से दोनों गठबंधन साझीदारों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर गतिरोध बना हुआ है. इस चुनाव में 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना ने 56 और भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की. राउत ने पत्रकारों से कहा, गतिरोध जारी है. सरकार गठन को लेकर अभी कोई बातचीत नहीं हुई है. अगर बातचीत होगी, तो केवल मुख्यमंत्री पद को लेकर ही होगी.
वहीं शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ में राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर राजनीतिक गतिरोध ‘अहंकार के कीचड़ में फंसे एक रथ’ की तरह है. उन्होंने साप्ताहिक स्तंभ में राउत भाजपा को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा कर दिखाने की चेतावनी देते हुए कहा कि यह कदम पार्टी की ‘सदी की सबसे बड़ी हार’ होगी.
उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि वे लोग ऐसा करने की बात कर रहे हैं जो इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को ‘काले दिवस’ के रूप में मनाते हैं. शिवसेना का यह बयान भाजपा के मुख्यमंत्री पद साझा ना करने के अपने रुख पर अड़े रहने और पार्टी के नेता सुधीर मुंगंतीवार के सात नवम्बर तक नई सरकार का गठन ना होने पर राज्य में राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ने की बात कहने के बाद आया है.
इधर, मुंबई में एनसीपी मुख्यालय में पार्टी नेताओं की बैठक हुई. ये बैठक सोमवार को पार्टी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच होनी वाली मुलाकात से पहले हो रही है. इस बीच एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी बड़ा दिया बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना कहती है कि उनका मुख्यमंत्री बनेगा तो यह बिल्कुल मुमकिन है. शिवसेना अपनी भूमिका एकदम स्पष्ट करे. हम भी अपनी भूमिका बता देंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल जनता ने हमें विपक्ष में बैठने के लिए चुना है और हम उसके लिए तैयार हैं.