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शिवसेना के तेवर नरम, संजय राउत ने कहा- राज्य हित में भगवा गठबंधन में बने रहना आवश्यक

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मुंबई : शिवसेनाने अपनेरुख में नरमी बरतते हुए बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र केहितमें पार्टी के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में बने रहना आवश्यक है. पार्टी नेता संजय राउत नेकहा,यहतभी संभव है जब हमें सम्मान मिले. राउत ने कहा कि अगली सरकार बनाने के लिए हमें कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने इन अटकलों […]

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मुंबई : शिवसेनाने अपनेरुख में नरमी बरतते हुए बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र केहितमें पार्टी के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में बने रहना आवश्यक है. पार्टी नेता संजय राउत नेकहा,यहतभी संभव है जब हमें सम्मान मिले.

राउत ने कहा कि अगली सरकार बनाने के लिए हमें कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि नये मंत्री परिषद के गठन में देरी होने पर शिवसेना विभाजित हो सकती है. पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि राज्य के हित में भगवा गठबंधन में बने रहना आवश्यक है, लेकिन साथ ही सम्मान भी महत्वपूर्ण है.

गाैरतलब है कि संजय राउत ने सोमवार को तल्ख लहजे में भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे. उन्होंने साथ ही यह भी कहा था कि राजनीति में कोई संत नहीं होता है. उल्लेखनीय है कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए गत 21 अक्तूबर को हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है. राजग के घटक दलों में से भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और शिवसेना को 56 सीट मिली है. इन दोनों दलों के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है. शिवसेना चाहती है कि दोनों ही दलों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिले.

उन्होंने दावा किया कि दोनों दल सत्ता में बराबर भागीदारी पर सहमत हुए थे और इस संबंध में मुंबई में घोषणा भी की गयी थी. राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर भाजपा खुद अपने दम पर बहुमत जुटा लेती है तो वह इसका स्वागत करेंगे. राउत संसद में शिवसेना के मुख्य सचेतक और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं. गत 24 अक्तूबर को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के तबकों की ओर से ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि राज्य में भाजपा से परे सरकार गठन का शिवसेना का कदम हकीकत में बदल सकता है. हालांकि, कांग्रेस-राकांपा की ओर से इस बारे में औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

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