मुंबईः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र कार्पोरेशन बैंक से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत पवार साथ ही महाराष्ट्र स्टेट कार्पोरेशन बैंक से जुड़े 70 लोगों को आरोपी बनाया है. यह 25 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है. इस मामले की शुरुआत में मुंबई पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी.
अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने के बाद एनसीपी प्रमुख ने कहा कि अगर मुझे जेल जाना पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मुझे खुशी होगी क्योंकि मुझे ये अनुभव कभी नहीं हुआ. अगर किसी ने मुझे जेल भेजने की योजना बनाई है तो मैं इसका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. मैं स्वयं 27 सितंबर को ईडी के समक्ष पेश हो कर इस केस से जुड़ी हर जानकारी साझा करूंगा.
बता दें कि इस घोटाले में 2007 से 2011 के बीच आरोपियों की मिलीभगत से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का आरोप है. जिसके आरोपियों में 34 जिलों के विभिन्न बैंक अधिकारी शामिल हैं.
एनसीपी का ईडी के खिलाफ प्रदर्शन, पांच कार्यकर्ता हिरासत में
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. वे पार्टी प्रमुख शरद पवार और अन्य के खिलाफ एमएससीबी बैंक घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किए जाने की निंदा कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.
एनसीपी की युवा इकाई के प्रांतीय प्रमुख मेहबूब शेख की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने ईडी के दफ्तर के बाहर सत्ताधारी दल भाजपा और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. शेख ने दावा किया कि प्रदर्शन कर रहे पार्टी के सदस्यों पर पुलिस ने लाठी चलाई और बाद में उन्हें हिरासत में लिया.
उन्होंने कहा कि पवार की रैलियों में भारी समर्थन देखकर ईडी ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसलिए हमने इस कार्रवाई की निंदा करने के लिए ईडी के दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया.