पठानकोट: आकाश में अभिनंदन का परवाज, वायुसेना प्रमुख बोले- हम दोनों में है ये तीन समानता

पठानकोट: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने सोमवार को मिग-21 टाइप 69 लड़ाकू विमान में पठानकोट एयरबेस से उड़ान भरी. अभिनंदन ने छह महीने छह दिन के लंबे अंतराल के बाद लड़ाकू विमान से हवा में परवाज किया. इसके साथ ही वायुसेना प्रमुख की लड़ाकू विमान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2019 2:01 PM
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पठानकोट: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने सोमवार को मिग-21 टाइप 69 लड़ाकू विमान में पठानकोट एयरबेस से उड़ान भरी. अभिनंदन ने छह महीने छह दिन के लंबे अंतराल के बाद लड़ाकू विमान से हवा में परवाज किया. इसके साथ ही वायुसेना प्रमुख की लड़ाकू विमान में ये आखिरी उड़ान थी.

अभिनंदन को वापस मिली फ्लाइंग कैटेगरी

इस उड़ान के साथ ही विंग कमांडर अभिनंदन कोउनकी फ्लाइंग कैटेगरी वापस मिल गई. अब वो नियमित रूप से लड़ाकू विमान उड़ा सकते हैं. दरअसल बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी एफ-16 विमान की कार्रवाई का जबाव देते हुए अभिनंदन का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस वजह से उन्हें विमान से खुद को इजेक्ट (पैराशूट के सहारे कूदना) करना पड़ा था. जानकार बताते हैं कि, इस प्रक्रिया में फायटर पायलट के स्पाइनल कॉड पर नकारात्मक असर पड़ता है और दोबार उड़ान भरना आसान नहीं रह जाता.

वायुसेना प्रमुख की ये आखिरी उड़ान थी

बता दें कि आज विमान को वायुसेना प्रमुख ही उड़ा रहे थे जबकि विंग कमांडर अभिनंदन सहायक पायलट की सीट पर बैठे थे. वायुसेना प्रमुख की लड़ाकू विमान में ये आखिरी उड़ान थी. जानकारी के मुताबिक विमान हवा में तकरीबन 30 मिनट तक रहा और फिर एयरबेस में उतर आया. लैंडिंग के बाद वायुसेना प्रमुख ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि ये काफी खुशी का पल है और मैं उम्मीद करता हूं कि अभिनंदन शानदार वापसी करेंगे. उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपने करियर में मुझे भी इजेक्ट करना पड़ा था. मैं भी वापसी करने में सफल रहा था.

एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा कि अभिनंदन और मुझमें तीन समानताएं हैं. पहला ये कि हम दोनों को इजेक्ट करना पड़ा था लेकिन हम वापसी करने में सफल रहे. दूसरा हम दोनों ने पाकिस्तानियों के खिलाफ लड़ाई की. मैंने कारगिल में मुकाबला किया तो वहीं अभिनंदन ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद. तीसरा मैंने इसके पिता के साथ उड़ान भरी थी जब मैं युवा था. वहीं अपनी आखिरी उड़ान मैंने उनके बेटे के साथ भरी.

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