‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
गुवाहाटी : ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) शनिवार को जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से निकाले गये नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. वर्ष में 1985 में हुए असम समझौते में आसू एक पक्षकार है जिसमें असम में रह रहे अवैध विदेशियों को पहचानने, हटाने और निकालने का प्रावधान है.
असम में एनआरसी को अद्यतन करने का काम सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में किया जा रहा है ताकि केवल वास्तविक भारतीयों को ही शामिल किया जाये. आसू के महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि हम इससे बिल्कुल खुश नहीं हैं. ऐसा लगता है कि अद्यतन प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं. हम मानते हैं कि एनआरसी अपूर्ण है. हम एनआरसी की खामियों को दूर करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अपील करेंगे.
गोगोई ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंतिम आंकड़े कई मौकों पर प्रशासन की ओर से घोषित आंकड़ों से मेल नहीं खाते. गौरतलब है कि शनिवार को अंतिम एनआरसी को ऑनलाइन जारी किया गया. इससे 19 लाख लोगों के नाम बाहर हैं.