‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
चंद्रयान-2 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक और बड़े मिशन में जुट गया है. अक्तूबर के अंत में या नवंबर की शुरुआत में इसरो ने अपने उन्नत कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 के प्रक्षेपण की घोषणा की है. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने खुद यह ऐलान करते हुए कहा कि अगला प्रक्षेपण कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 का होगा.
यह प्रक्षेपण इस साल अक्तूबर के अंत में या नवंबर की शुरुआत में होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेटेलाइट की नजर इतनी पैनी होगी कि यह दुश्मन की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा. दरअसल, इस सेटेलाइट का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 0.25 मीटर यानी 9.84 इंच की ऊंचाई तक की स्पष्ट तस्वीरें ले सकता है.
संभवतः अभी तक इतनी सटीकता वाला सेटेलाइट कैमरा किसी देश ने लॉन्च नहीं किया है. अमेरिका की निजी स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब का जियोआइ-1 सेटेलाइट 16.14 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है.
वहीं, इसी कंपनी का वर्ल्डव्यू-2 उपग्रह 18.11 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा. पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सेंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. इस सेटेलाइट में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे. विभिन्न प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में भी यह हमारी मदद करेगा.
सेटेलाइट में लगा है दुनिया का सबसे एडवांस्ड और ताकतवर कैमरा, मौसम की भी देगा जानकारी
मुख्य मकसद अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना
पाकिस्तान और उसके आतंकी कैंपों की होगी निगरानी
आपदाओं में और ढांचागत विकास में करेगा मदद
दुनिया में किसी के पास नहीं है ऐसा कैमरा
देश सेटेलाइट पृथ्वी पर नजर
भारत कार्टोसैट 9.84 इंच -3 ऊंचाई तक
अमेरिका जियोआइ 16.14 इंच -1 ऊंचाई तक
अमेरिका वर्ल्डव्यू 18.11 इंच -2 ऊंचाई तक
कार्टोसैट सीरीज का नवां उपग्रह 14 साल पहले शुरुआत
कार्टोसैट-3 सीरीज का नवां उपग्रह है. इसे पृथ्वी से 450 किमी ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जायेगा. पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सिंग उपग्रह कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है. इस सीरीज का पहला सेटेलाइट कार्टोसैट-1 पांच मई, 2005 को पहली बार और 10 जनवरी, 2007 से 2018 के बीच कार्टोसैट-2 सीरीज के सात सेटेलाइट लॉन्च हो चुके हैं.