‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : राज्यसभा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाये जाने के संकल्प का कड़ा विरोध करते हुए इसे राज्य की जनता के साथ विश्वासघात करार दिया, जबकि बीजद सहित कुछ दलों ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि इससे जम्मू -कश्मीर का सही मायनों में भारत के साथ आज एकीकरण हुआ है.
वहीं, चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह संकल्प और विधेयक देश की एकता व अखंडता को सुनिश्चित करेगा. यह पहल ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ के सरकार के संकल्प की भी पूर्ति करता है.
यादव ने कश्मीर मामले में सदन और देश को धोखे में रखकर यह फैसला करने के विपक्ष के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि दो अगस्त को सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी इस विधेयक के बारे में चर्चा हुई थी. समिति में मौजूद सभी दलों के नेताओं को यह स्पष्ट हो गया था कि सोमवार को यह विधेयक पेश किया जायेगा.
उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बारे में साफ किया कि देश की क्षेत्रीय सीमाओं को तय करने वाला अनुच्छेद एक संविधान का स्थायी प्रावधान है. वहीं जम्मू कश्मीर को अन्य राज्यों से अलग दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधान है, जिसे तत्कालीन परिस्थितियों के कारण संविधान में शामिल किया गया था. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सिक्किम और गोवा को भारत संघ में शामिल करने का सदन में कांग्रेस ने समर्थन किया था उसी तरह जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का भी कांग्रेस सहित सभी दलों को समर्थन करना चाहिए.
सही मायनों में आज जम्मू -कश्मीर का देश के साथ एकीकरण हुआ‘अनुच्छेद-370 खत्म करने के लिए मोदी सरकार बधाई की पात्र है. 370 की वजह से वहां की माताओं और बहनों की जिंदगी खराब हो रही थी. अब नहीं होगी. अब वहां विकास होगा.’