‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने संसद का मौजूदा सत्र की अवधि बढ़ाये जाने को लेकर बृहस्पतिवार को लोकसभा में सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि इसमें सरकार की साजिश है, हालांकि सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बहुत सारा विधायी कार्य था जिसकी वजह से सत्र बढ़ा है. लोकसभा में ‘दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता संशोधन विधेयक, 2019′ पर चर्चा के दौरान यादव खड़े हुए और सत्र बढ़ाये जाने को लेकर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि लोकसभा देश की विधानसभाओं के लिए आदर्श होती है, लेकिन सदन में बहुत सारे सदस्य मौजूद नहीं हैं. सत्र क्यों बढ़ाया गया है? लोग शादी तक में नहीं जा पा रहे हैं. यादव ने आरोप लगाया कि इस सत्र को अनावश्यक रूप से बढ़ाया गया है और इसमें सरकार की साजिश है. लोकसभा का मजाक बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इसका कारण बताए तो मैं मान लूंगा. विपक्ष के कई सदस्य उनकी बात का समर्थन करते नजर आये. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यादव के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव वरिष्ठ सदस्य हैं, लेकिन हम उनसे सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष मांग करता है कि संसद में कामकाज साल में कम से कम 100 दिन होना चाहिए. विपक्ष की मांग के तहत और बहुत सारे विधाय कार्यों को देखते हुए यह सत्र बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि सत्र में विधेयक पारित किए जा रहे हैं जो जनता के हित से जुड़े हुए हैं. इसके बाद पीठासीन सभापति के. सुरेश ने विधेयक पर चर्चा को आगे बढ़ाया. बाद में मेघवाल यादव की सीट पर पहुंचकर उनसे कुछ बात करते नजर आये.