विश्वेश्वर हेगड़े सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये
बेंगलुरु : वरिष्ठ भाजपा नेता और छह बार के विधायक विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को बुधवार को सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा का 22वां अध्यक्ष चुना गया. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के शपथ लेने के तीन दिन बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने के तुरंत बाद सोमवार को केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था जिसके […]
बेंगलुरु : वरिष्ठ भाजपा नेता और छह बार के विधायक विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को बुधवार को सर्वसम्मति से कर्नाटक विधानसभा का 22वां अध्यक्ष चुना गया. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के शपथ लेने के तीन दिन बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने के तुरंत बाद सोमवार को केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद अध्यक्ष का चुनाव कराना पड़ा.
सिरसी से विधायक कागेरी ने मंगलवार को अपना नामांकन दायर किया था. उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया क्योंकि कांग्रेस और जदएस ने उनके खिलाफ किसी उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया था. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही उपाध्यक्ष कृष्णा रेड्डी ने चुनाव प्रक्रिया आरंभ की और येदियुरप्पा ने कागेरी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका बसवराज बोम्मई (भाजपा) ने समर्थन किया. इसके बाद कागेरी के निर्वाचन के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. येदियुरप्पा और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया कागेरी को अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गये. अध्यक्ष का पदभार संभालने पर कागेरी ने उनका सर्वसम्मति से चुनाव करने के लिए सदन के सदस्यों का आभार जताया. संघ परिवार से अपने संबंधों का बचाव करते हुए कागेरी ने कहा कि वह स्वयंसेवक थे और आरएसएस में थे. कुछ सदस्यों ने उन्हें बधाई देते हुए कुछ टिप्पणियां की थी जिसके जवाब में उन्होंने यह बात की.
उन्होंने कहा, आज मैं जो भी हूं वह संघ से सीखने के कारण ही हूं. कांगेरी ने कहा कि हर किसी को अपनी विचारधारा में विश्वास रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा, कुछ लोग संगठन की हिंदुत्व विचारधारा के बारे में बोलते हैं जहां से मैं आया हूं. कागेरी को बधाई देते हुए और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाये रखने के लिए उनमें भरोसा जताते हुए कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने कागेरी के आरएसएस और एबीवीपी से जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा, अब आप उससे प्रभावित नहीं होंगे और यहां से आप निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे. रमेश कुमार ने भी आरएसएस के मनुवाद में विश्वास के बारे में बात की जो अांबेडकर के समग्रता के सिद्धांत के विरोधाभासी है.
जगदीश शेट्टार और केएस ईश्वरप्पा जैसे कई भाजपा नेताओं ने आरएसएस और उसकी विचारधारा का बचाव करते हुए कहा कि वह पूरी तरह से समग्रता और एकता में विश्वास करती है. हालांकि, वह लंबे समय से इसे हिंदूओं खासतौर से ऊंची जातियों तक सीमित रखने के अलावा और लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. येदियुरप्पा ने कागेरी का सर्वसम्मति से चुनाव करने में सहयोग के लिए विपक्षी दलों का आभार जताया. उन्होंने कांगेरी की साफ छवि की भी तारीफ की और कहा कि उनका आचार और अनुभव उन्हें सुचारू रूप से सदन चलाने में मदद करेगा.