श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीते दिनों दिये गये अपने बयान के लिये खेद प्रकट किया है. सत्यपाल मलिक ने कहा कि वो आक्रोश में दिया गया व्यक्तव्य था जिससे मुझे बचना चाहिये था. राज्यपाल ने कहा कि कारगिल में मैंने जो कुछ भी कहा वो जम्मू कश्मीर में व्याप्त भीषण भ्रष्टाचार पर मेरी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी. मैंने फ्रस्टेशन में आकर ये सबकुछ कह दिया हालांकि राज्य का राज्यपाल होने के नाते मुझे इससे बचना चाहिये था. उन्होंने आगे कहा कि, यदि में इस पद पर नहीं होता तो फिर मेरे यही विचार होते और मैं इसके लिये कोई भी परिणाम भुगतने को तैयार रहता.

बता दें कि सत्यपाल मलिक अपने उस बयान के लिये माफी मांगी है जो उन्होंने रविवार को कारगिल में एक जनसभा को संबोधित करते हुये कहा था. सत्यपाल मलिक ने कहा था कि आंतकी पुलिसवालों और सेना के जवानों को मारने की बजाय उन लोगों को मारें जिन्होंने मुल्क को लूटा. उन्होंने कहा कि आतंकियों को सेना के जवानों की बजाय भ्रष्टाचारी नेताओं को मारना चाहिये. राज्यपाल ने कहा कि राज्य में बहुत सारे राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं. मुझे वैसा बयान नहीं देना चाहिये था लेकिन सच में मैं यही महसूस करता हूं.

पहले भी दिया है विवादास्पद बयान

उनका ये बयान उस घटना के संदर्भ में था जिसमें आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के चचेरे भाई के सुरक्षा गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हालांक ये पहली बार नहीं है जबकि सत्यपाल मलिक अपने विवादास्पद बयान को लेकर सुर्खियों में रहे हों. इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि घाटी में कोई मरता है तो उन्हें दुख होता है चाहे वो आतंकी ही क्यों न हो. उन्होंने कहा था कि, वे चाहते हैं कि हर कोई अपने घर वापस आये.