कुलभूषण जाधव के भाग्य का फैसला आज, वियना संधि उल्लंघन मामले में फंस सकता है पाक, जानें पूरा मामला

नयी दिल्ली : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) आज अपना फैसला सुनाएगी. ज्ञात हो कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को ‘‘दबाव वाले कबूलनामे’ के आधार पर मौत की सजा सुनायी है, जिस फैसले को भारत ने आईसीजे में चुनौती दी थी. भारतीय समयानुसार शाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2019 12:03 PM
an image

नयी दिल्ली : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) आज अपना फैसला सुनाएगी. ज्ञात हो कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को ‘‘दबाव वाले कबूलनामे’ के आधार पर मौत की सजा सुनायी है, जिस फैसले को भारत ने आईसीजे में चुनौती दी थी. भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे सार्वजनिक सुनवाई होगी जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला सुनाएंगे.

2017 में पाकिस्तान ने जाधव को सुनाई थी सजा

पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद ‘‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को मौत की सजा सुनाई थी. उनकी सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

21 फरवरी को पूरी हुई थी बहस

कुलभूषण जाधव मामले में फैसला आने से करीब पांच महीने पहले न्यायाधीश यूसुफ की अध्यक्षता वाली आईसीजे की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. इस मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल और दो महीने का वक्त लगा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान ने आईसीजे में इस मामले में अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखा है. सरकारी ‘एसोसिएट प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ ने फैसल के हवाले से कहा, ‘‘पाकिस्तान अच्छे की आशा कर रहा है और वह आईसीजे का फैसला स्वीकार करेगा.’

वियना संधि के प्रस्ताव का पाकिस्तान ने किया है उल्लघंन

पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के प्रावधानों का ‘‘खुलेआम उल्लंघन’ किये जाने के बादआठ मई 2017 को भारत ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. आईसीजे की दस सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था. जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से बार- बार इनकार करके पाकिस्तान ने वियना संधि का खुलेआम उल्लघंन किया था.

हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की सजा निरस्त करने की मांग

इस मामले में भारत का पक्ष रखने वाले हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की सैन्य अदालतों के कामकाज पर सवाल उठाये थे और ‘‘दबाव वाले कबूलनामे’ पर आधारित जाधव की मौत की सजा निरस्त करने का अनुरोध अंतरराष्ट्रीय अदालत से किया था.

Exit mobile version