महाराष्ट्र के बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, असम सहित पूरे पूर्वोत्तर राज्यों में आसमान से आफत बरसने का सिलासिला थम नहीं रहा है. मॉनसूनी बारिश अब कहर बहपा रही है. नदियों के जलस्तर बढ़ने के कारण असम और उत्तरी बिहार में बाढ़ जैसे हालात हैं.असम के 33 में से 21 जिले बाढ़ की चपेट में हैं.

ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. किनारों पर लगातार तबाही मचा रही हैं. सूबे के 1500 से ज्यादा गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. ऊपर से बारिश लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा रही है. काजीरंगा नेशनल पार्क पानी-पानी हो गया है. बाढ़ की वजह से इस उद्यान का करीब 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो गया है. राज्य के 10 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

राज्य में पिछले 48 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन की घटना के कारण अब तक मौत का आंकड़ा 10 पार कर गया है. पूर्वोत्तर के अन्य राज्य अरूणाचल प्रदेश, मेघायल, सिक्किमऔर मिजोरम में भी हालात खराब हैं. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए राज्‍य और केंद्र सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बाढ़ के मौजूदा हालात पर शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की.

बिहार में बाढ़ का कहर
बिहार में पिछले एक हफ्ते से भारी बारिश हो रही है, जिस कारण उत्तरी बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. बारिश कोसी क्षेत्र, सीमांचल और चम्पारण में तबाही लेकर आ रही है. कोसी बैराज को शनिवार रात को खोल दिया गया इस कारण समूचे उत्तर िबाहर में बाढ़ जैसे हालात हैं. उत्तर प्रदेश में पिछले तीन दिनों में राज्य के 14 जिलों में करीब 15 लोगों की मौत हो गई.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई 9 से 12 के बीच वर्षा जनित हादसों में करीब 133 इमारतें ढह गईं. वहीं करीब 23 जानवरों की भी इसमें जान चली गयी.राज्य के 6 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया और किशनगंज के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
राहत-बचाव में जुटी सेना की टीम
असम और अरूणाचल प्रदेश के ऊपरी जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश से ब्रह्मापुत्र समेत कई नदियां उफान पर हैं. इस वजह से प्रदेश के 17 जिलों में बाढ़ की वजह से लगभग 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार हो रही बारिश की वजह से 7 लोगों की मौत हो गयी है. शुक्रवार से सेना और एनडीआरएफ की टीमें पानी में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटी हुई हैं.