नयी दिल्‍ली :कर्नाटक के सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के पांच और बागी विधायकों ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने से विधानसभा अध्यक्ष के इनकार के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया.

ये पांच विधायक आनंद सिंह, के. सुधाकर, एन. नागराज, मुनिरत्न और रोशन बेग हैं. उन्होंने कहा है कि पहले से ही लंबित दस अन्य बागी विधायकों की याचिका में उन्हें भी शामिल कर लिया जाए. इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है. वहीं मुंबई में डेरा डाले 14 बागी विधायकों ने शिरड़ी साईं धाम का रूख किया है.

इस बीच मुख्‍यमंत्री एसडी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी. सीएम की घोषणा पर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा, हमें अविश्वास प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है. हम सोमवार तक इंतजार करेंगे. सोमवार को हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं.

इस बीच कांग्रेस विधायक नागराज ने संकेत दिया है कि वह अपने इस्तीफे पर पुनर्विचार कर सकते हैं और अन्य विधायकों को भी मनाने की कोशिश करेंगे. कांग्रेस-जद(एस) के 16 बागी विधायकों में शामिल राज्य के आवास मंत्री एमटीबी नागराज ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा वापस लेने को कहा.

नागराज होसकोट से कांग्रेस विधायक हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. नागराज ने कहा, सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने मुझसे मुलाकात की और मुझसे इस्तीफा वापस लेने तथा पार्टी में बने रहने का अनुरोध किया. इस पर विचार करने के लिए मैंने समय मांगा है.

उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि मैं चिक्कबल्लापुरा विधायक सुधाकर से बात करूंगा और इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाउंगा. इस दौरान उनके साथ उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, राज्य के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार और कांग्रेस के अन्य नेता भी मौजूद थे. यह पूछे जाने पर कि क्या सारे मतभेद दूर कर लिए गए हैं, नागराज ने कहा कि उन्होंने कुछ असंतोष को लेकर इस्तीफा दिया था और हर राजनीतिक दल में कुछ असहमति होती है.

उन्होंने कहा, पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. मैं भी उनकी कोशिश में उनकी मदद करने की अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करूंगा. इसके बाद नागराज राज्य कांगेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया के आवास के लिए रवाना हो गए.

गौरतलब हो कर्नाटक में गठबंधन सरकार गंभीर संकट से गुजर रही है. उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 13 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन में विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के 1) हैं.

दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या अब 107 है. अगर गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं, तो सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की संख्या घट कर 100 रह जाएगी. स्पीकर का भी एक वोट होता है.