काटजू का आरोप,तीन पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने किये ‘अनुचित समझौते’

नयी दिल्ली : संप्रग सरकार के कार्यकाल में कथित रुप से मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की पदोन्नती मामले पर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ.यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जज पर पूर्व न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद राजनीतिक दबाव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2014 1:37 PM
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नयी दिल्ली : संप्रग सरकार के कार्यकाल में कथित रुप से मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की पदोन्नती मामले पर आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ.यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जज पर पूर्व न्यायाधीश मार्कन्डेय काटजू ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद राजनीतिक दबाव के चलते उनको पदोन्नत दी गई.एआईएडीएमके ने लोकसभा और राज्यसभा में इस पर जोरदार हंगामा किया.

लोकसभा में एआईएडीएमके ने मांग की कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. कानून मंत्री से मांग की गई कि अगर ये आरोप सही हैं तो फिर वो इस पर सफाई दें. वहीं राज्यसभा में भी हंगामा हुआ. जेडीयू ने काटजू का समर्थन करते हुए कहा कि अगर ये सही है तो इसकी जांच होनी चाहिए.

काटजू ने एक अखबार में खुलासा किया था कि मद्रास हाईकोर्ट में एक जज भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बावजूद न सिर्फ अपने पद पर बने रहे बल्कि हाईकोर्ट में एडिशनल जज बना और बाद में उसे स्थाई नियुक्ति भी मिल गई.

अन्नाद्रमुक के थम्बी दुरै ने शून्य काल में यह मामला उठाते हुए कहा कि यह गंभीर आरोप है और सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए कि ऐसा राजनीतिक दबाव क्यों और किसकी ओर से डाला गया.

उन्होंने इस मामले में सरकार से जवाब की मांग की लेकिन अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कहा कि वह इसके लिए सरकार पर दबाव नहीं डाल सकतीं. यह मामला आज राज्यसभा में भी उठा और उस पर हुए हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पडा.

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