नयी दिल्ली : लोकसभा में आज गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की नीति, आतंकवाद को कतई सहन नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जब भी फैसला करेगा तब जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक ढंग से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव होंगे.

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर समस्या के लिए पंडित नेहरु को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने कश्मीर का वह हिस्सा जिसे पीओके कहा जाता है वह पाकिस्तान को दिया. आप लोग कहते हैं हम जनता को विश्वास में लिये बिना काम करते हैं, लेकिन नेहरुजी ने यह काम होम मिनिस्ट्री को भी विश्वास में लिये बिना किया, इसलिए मनीष तिवारी जी हमें इतिहास ना सिखायें.हम पाकिस्तान में आतंकवाद की जड़ों का खात्मा करेंगे, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक आत्मरक्षा में की गयी कार्रवाई है.

अमित शाह ने कहा कि ये लोग कहते हैं हम जम्मू-कश्मीर में प्रजातंत्र को कुचलना चाहते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि इससे पहले 132 बार यहां राष्ट्रपति शासन लागू हुआ है और उनमें से 93 बार कांग्रेस ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करवाया था और अब ये लोग हमें प्रजातंत्र के बारे में सीखा रहे हैं.प्रदेश में अबतक जमात ए इस्लामी को बैन क्यों नहीं किया गया था, आखिर किसको खुश करने की कोशिश की जा रही थी. यह भाजपा सरकार ने जिसने जमात ए इस्लामी को बैन किया. भाजपा ने ही जेकेएलएफ को बैन किया. गृहमंत्री ने आज जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह बढ़ाने का प्रस्ताव रखा और जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 का संशोधन करने वाला विधेयक भी पेश किया.