‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : राजग सरकार को ‘ऊंची दुकान फीके पकवान’ करार देते हुए विपक्ष ने लोकसभा में सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बड़े सेल्समैन’ हैं तथा राजग सरकार को अपनी प्रशंसा सुनने का ‘नशा’ है.
हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए सत्ता पक्ष ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में मोदी सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ काम किया और यह साबित किया कि यह सरकार जो कहती है, वो करती है तथा जो कर सकती है, वही कहती है.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘बड़े सेल्समैन’ हैं तथा राजग सरकार को अपनी प्रशंसा सुनने का ‘नशा’ है और वह अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है.
चौधरी ने यह भी दावा किया मौजूदा सरकार अतीत की कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को स्वीकार नहीं करना चाहती है. इससे पहले, केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए कहा कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले पांच साल के कार्यकाल में किये गये कामकाज की सफलता को स्वीकार कर उनका अभिनंदन करना चाहिए और खुद को जनता द्वारा नकार दिये जाने पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत संप्रग के समय नीतिगत पंगुता थी और घोटाले पर घोटाले हो रहे थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री मूकदर्शक बने रहते थे. उन्होंने कांग्रेस के प्रथम परिवार (नेहरू-गांधी परिवार) की भी आलोचना की जिस पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने कड़ा ऐतराज जताया.
सदन में मौजूद संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सदस्यों को विरोध करने के लिए संकेत करते हुए देखी गयीं. कांग्रेस के सदस्यों ने ‘व्यवस्था का प्रश्न’ उठाया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर ‘व्यवस्था का प्रश्न’ नहीं उठाया जाता.
सारंगी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उसकी छवि गरीब, किसान, महिला विरोधी बनाने की कोशिश की गयी और सरकार को सांप्रदायिक दर्शाने और नोटबंदी, जीएसटी और अन्य विषयों को लेकर नकारात्मक छवि पेश करने का प्रयास किया गया, लेकिन जनता ने विपक्ष के महागठबंधन के प्रयासों को धता बताते हुए एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया.
उन्होंने कहा, सत्यमेव जयते. सत्य ही सर्वोपरि है. झूठे के बादलों से सच को नहीं छिपाया जा सकता. सारंगी ने कहा कि जनता ने भाजपा के लिए मतदान किया और साबित किया कि यह सरकार जो कहती है, वो करती है तथा जो कर सकती है, वही कहती है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सरकार बनने के बाद ही कहा था कि वह प्रधान सेवक हैं और यह सरकार गरीबों के लिए है. उन्होंने इस बात का पालन करके दिखाया है. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि संप्रग सरकार के समय आर्थिक विकास की दर आठ फीसदी से अधिक थी, जबकि इस सरकार में विकास दर छह फीसदी से नीचे आ गई और बेरोजगारी भी 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ‘राजग सरकार की नयी पहचान, ऊंची दुकान और फीका पकवान.
उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं के विवादित बयानों का हवाला दिया और कहा कि एक तरफ सरकार महात्मा गांधी का 150वां जन्मदिवस मनाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के कुछ लोग बापू के हत्यारे गोडसे की तारीफ करते हैं. यह कैसा दोहरा मापदंड है? भाजपा की हिना गावित ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न चुनाव में महिलाओं एवं युवाओं ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को निर्णायक समर्थन दिया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने सिर्फ वादे किये और मोदी सरकार ने उन्हें पूरा करके दिखाया. हिना ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षो में हमने बेदाग सरकार दी, एक ऐसी सरकार दी जिस पर एक भी आरोप नहीं लगे. हमने ऐसी सरकार दी जिसने विकास के लाभ को लोगों तक पहुंचाने का काम किया.
द्रमुक के टी आर बालू ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल एक ‘कंपनी का विवरण’ लगता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा की सफलता विशेष रूप से विपक्ष की कमजोरी पर आधारित थी जिसमें हमारी पार्टी द्रमुक भी शामिल है.
बालू ने कहा कि अभिभाषण में राष्ट्रपति ने दलितों, किसानों, अल्पसंख्यकों और अन्य निम्न वर्गों के लिए कोई रूपरेखा नहीं रखी। 2014 के चुनाव में किये गये सरकार के वादे पूरी नहीं होने पर तो कोई बात नहीं कही गयी, बल्कि भविष्य के लिए और वादे जरूर कर दिये गये.
उन्होंने तमिलनाडु में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और केंद्र सरकार के कार्यालयों में तमिल को आधिकारिक भाषा घोषित करने की मांग की. तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि जब तक गृह मंत्री (अमित शाह) पश्चिम बंगाल की सरकार को परामर्श भेजते रहेंगे तब तक उनकी पार्टी प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गयी बैठक में भाग नहीं लेगी.
राय ने लोकसभा चुनावों के परिणामों पर संदेह जताते हुए कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ का हमारा आरोप बरकरार है और सरकार को चुनाव मतपत्रों से कराने चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की योजनाएं तो बता दी गयीं लेकिन देश की वस्तु स्थिति के बारे में कुछ नहीं कहा गया, किसानों के हाल पर और राफेल पर कुछ नहीं कहा गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संस्थानों को नष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इतने महापुरुषों का उल्लेख किया गया, लेकिन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम नहीं लिया गया. इसमें एक भी बार धर्मनिरपेक्षता शब्द का उपयोग नहीं किया गया.
राय ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा, हमारा दुर्भाग्य है कि आरएसएस का एक पूर्व प्रचारक आज देश का प्रधानमंत्री है. उन्होंने कहा कि आरएसएस वही संगठन है जिसने कभी आजादी की लड़ाई में, भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लिया. वाईएसआर कांग्रेस के पी वी मिथुन रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में अगले पांच साल के लिए विकास की कई योजनाएं पेश की गयीं जो स्वागत योग्य है.
उन्होंने देश में कृषि क्षेत्र और किसानों के संकट की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सरकार से उम्मीद है कि वह अपने वादे के अनुसार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कदम उठाएगी. रेड्डी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग भी उठाई.
शिवसेना के विनायक राउत ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि हमें पांच वर्ष में सभी को घर और हर घर में बिजली का सपना साकार करने में प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करने चाहिए. उन्होंने अभिभाषण में सरकार की अनेक योजनाओं के उल्लेख की ओर इशारा करते हुए कहा कि आयुष्मान और उज्ज्वला जैसी योजनाओं से गरीबों को लाभ मिला है.