नयी दिल्ली :लापता AN32 का पता लगाने के लिए INS राजली, अरकोणम, तमिलनाडु का लॉन्ग रेंज मैरीटाइम रीकानसन्स एयरक्राफ्ट P8I को सर्च ऑपरेशन में लगाया जाएगा. यह अपने विशेष रडार और सेंसर का उपयोग करके खोज अभियान को अंजाम देगा. इस बात की जानकारी इंडियन नेवी ने दी है.

इससे पहले गुरुवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने बताया कि उसने असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश में लापता हुए एएन-32 विमान का पता लगाने के लिए खोज अभियान तेज कर दिया है और इसके लिए और अधिक संसाधनों को काम पर लगाया है. वायुसेना ने अपने अभियान में स्थानीय लोगों और पुलिस एजेंसियों को भी शामिल किया है. सोमवार रात 12.27 बजे रूस-निर्मित यह विमान मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए जोरहाट से रवाना हुआ. जमीनी नियंत्रण कक्ष से इसका आखिरी संपर्क दोपहर एक बजे हो पाया था.

विमान में चालक दल के कुल आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे. तीनों सशस्त्र बलों ने विमान का पता लगाने के लिए अपने-अपने संसाधनों को लगाया है। हालांकि, दुर्गम इलाके और खराब मौसम के कारण खोज एवं बचाव (एसएआर) अभियान के संचालन में दिक्कत आ रही हैं, जिसके कारण अब तक कुछ खास पता नहीं चल सका है.

सूत्रों के अनुसार, लापता विमान में बचाव दल को आपातकालीन लोकेटर बीकन से कोई संकेत नहीं मिला है और ऐसी संभावना है कि उपकरण काम नहीं किया होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने चार एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, जिनमें से दो सेना के है, दो सुखोई-30 विमान, एक सी-130 मालवाहक विमान और सेना के एक मानव रहित वाहन को खोज अभियान में लगाया है। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को दो चीता हेलीकॉप्टरों को भी खोज अभियान में लगाया जाएगा.

भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कार्टोसैट और रीसैट उपग्रह मेचुका के आसपास के क्षेत्र की तस्वीरें ले रहे हैं, ताकि विमान को खोजने में मदद मिल सके.