नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही, डीएमके नेता कनिमोझी ने भी राज्यसभा से इस्तीफा दिया है. अमित शाह गुजरात के गांधी नगर संसदीय सीट जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, जबकि रविशंकर प्रसाद ने बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को हराया है। जबकि, कनिमोझी तमिलनाडु के थोतुकुडी से 2019 का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची हैं.
अमित शाह पहली बार 2019 में लोकसभा के लिए चुने गये हैं. वह अगस्त 2017 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव गांधी नगर से जीता है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सी जे चावड़ा को 5.57 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. राज्यसभा में उनके सहयोगी रविशंकर प्रसाद भी पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हैं.
उन्होंने ने पटना साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को 2.84 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी. ऐसा नहीं है कि केवल भाजपा के राज्यसभा सदस्यों ने ही इस आम चुनाव में पहली बार जीत का स्वाद चखा. डीएमके की कनिमोझी ने भी आम चुनाव में पहली विजयगाथा लिखी. उन्होंने थोतुकुडी सीट से भाजपा उम्मीदवार को 3.47 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया.
नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही, डीएमके नेता कनिमोझी ने भी राज्यसभा से इस्तीफा दिया है. अमित शाह गुजरात के गांधी नगर संसदीय सीट जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं, जबकि रविशंकर प्रसाद ने बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को हराया है। जबकि, कनिमोझी तमिलनाडु के थोतुकुडी से 2019 का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची हैं.
अमित शाह पहली बार 2019 में लोकसभा के लिए चुने गये हैं. वह अगस्त 2017 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव गांधी नगर से जीता है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सी जे चावड़ा को 5.57 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया. राज्यसभा में उनके सहयोगी रविशंकर प्रसाद भी पहली बार लोकसभा चुनाव जीते हैं.
उन्होंने ने पटना साहिब सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को 2.84 लाख से अधिक वोटों से शिकस्त दी. ऐसा नहीं है कि केवल भाजपा के राज्यसभा सदस्यों ने ही इस आम चुनाव में पहली बार जीत का स्वाद चखा. डीएमके की कनिमोझी ने भी आम चुनाव में पहली विजयगाथा लिखी. उन्होंने थोतुकुडी सीट से भाजपा उम्मीदवार को 3.47 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया.