PMO ने विभागों- मंत्रालयों से मांगी खाली पदों की जानकारी, जारी हुआ सर्कुलर
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंत होते- होते युवाओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. केंद्र सरकार के कर्मचारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाली पदों का डेटा इकट्ठा करने के काम में लगे हुए हैं. पीएमओ के इन निर्देशों के बाद मंत्रालयों और विभागों में आंतरिक […]
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नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंत होते- होते युवाओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. केंद्र सरकार के कर्मचारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाली पदों का डेटा इकट्ठा करने के काम में लगे हुए हैं. पीएमओ के इन निर्देशों के बाद मंत्रालयों और विभागों में आंतरिक सर्कुलर जारी किया गया है और वहां पदों की संख्या और खाली पदों के बारे में जानकारी मांगी गयी है.
पीएमओ ने यह कदम तब उठाया जब विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी की सरकार नये रोजगार के मौकों का सृजन करने में तो असफल रही ही है, साथ ही वर्तमान में खाली पड़े सरकारी पदों को भी नहीं भरा जा रहा है. बता दें कि, इस बारे में तीन मई को जारी किए गए अंडरसेक्रटरी फणी तुलसी के द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय को सूचित किया गया है कि जल्द ही इस संबंध में पीएमओ द्वारा एक मीटिंग रखी जाएगी जिसमें विभिन्न विभागों में खाली पदों पर चर्चा की जाएगी.
इसमें 30 अप्रैल 2019 तक खाली विभिन्न पदों के बारे में जानकारी मांगी गयी है. इस बीच, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री इस समय लोकसभा चुनाव में व्यस्त हैं. पीएमओ के आंतरिक सर्कुलर से अनभिज्ञता जतायी. कहा कि मेरे मंत्रालय में करीब छह हजार कर्मचारी हैं और मैंने ऐसा कोई सर्कुलर नहीं देखा है. बता दें कि इससे पहले नौकरियों पर एनएसएसओ के डेटा लीक होने के मामले में भी सदानंद गौड़ा लगातार सरकार का बचाव करते रहे हैं.
केंद्रीय सरकार कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष केकेएन कुट्टी ने कहा कि पिछले 5 सालों में यह सरकार हमसे बातचीत ही नहीं कर रही है. इस सरकार द्वारा पहली नेशनल काउंसिल की मीटिंग चुनावों की घोषणा होने के बाद 13 अप्रैल को बुलाई गयी थी. सरकार हमसे उस एजेंडे पर चर्चा करना चाहती थी जो हमने सरकार बनते समय पांच साल पहले भेजा था. केंद्र सरकार में खाली पदों के बारे में उन्होंने कहा कि इस काम में दो समस्याएं हैं.
पहला कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को खाली पदों की जानकारी दिये जाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे और दूसरा एसएससी उतने लोगों की भर्ती नहीं कर पा रहा है जितने लोगों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में 40 से 50 फीसदी पद खाली हैं. ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के अध्यक्ष एन कन्हैया ने कहा कि केवल रेलवे में ही इस समय 3.8 लाख पद खाली हैं लेकिन सरकार द्वारा इन पर भर्तियां करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गये हैं.