मां, बहू और पत्नी का भी प्रत्याशियों को मिल रहा सहारा

उम्मीदवारों की जीत के लिए कड़ी मेहनत में परिवार के सदस्य भी शामिल चंडीगढ़ : हरियाणा के अत्यंत सफल पुरुष नेताओं के पीछे उनकी मां, पत्नी या बहू की कड़ी मेहनत है, जो अपने परिवार की राजनीतिक ताकत और विरासत को अक्षुण्ण रखने के लिए जी जान से जुटी हुई हैं. राज्य की राजनीति में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2019 6:18 AM
उम्मीदवारों की जीत के लिए कड़ी मेहनत में परिवार के सदस्य भी शामिल
चंडीगढ़ : हरियाणा के अत्यंत सफल पुरुष नेताओं के पीछे उनकी मां, पत्नी या बहू की कड़ी मेहनत है, जो अपने परिवार की राजनीतिक ताकत और विरासत को अक्षुण्ण रखने के लिए जी जान से जुटी हुई हैं. राज्य की राजनीति में चौटाला, बिश्नोई और हुड्डा परिवार काफी प्रभावशाली हैं तथा इन परिवारों की महिलाओं का पुरुष नेताओं की सफलता के पीछे अहम योगदान है.
प्रदेश में 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों के कुटुम्बजनों ने चिलचिलाती धूप की परवाह न करते हुए चुनाव प्रचार को चरम पर पहुंचा दिया है. इन महिलाओं में कुछ विधायक भी हैं. ये सभी अपने बेटों, ससुर और पति की जीत सुनिश्चित करने और उन्हें सत्ता तक पहुंचाने के लिए लगातार सक्रिय हैं.
रेणुका बिश्नोई
रेणुका बिश्नोई के परिवार को राजनीति पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत में मिली है. वह खुद हांसी से कांग्रेस विधायक हैं. उनकी कई और भी पहचान हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की बहू और तीन बार के विधायक कुलदीप बिश्नोई की पत्नी हैं. वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे अपने बेटे भव्य बिश्नोई की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं. भव्य कांग्रेस के टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ रहे हैं. बेटे के प्रचार में जुटीं रेणुका बिश्नोई ने कहा कि मैं खुद लोगों से मिलती हुं.
नैना चौटाला
चौटाला परिवार से राजनीति में उतरने वाली पहली महिला नैना चौटाला अपने बेटों- दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला के लिए प्रचार कर रही हैं. दुष्यंत चौटाला हिसार और दिग्विजय सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
परिवार में विवाद के बाद उन्होंने इनेलो से नाता तोड़ लिया था और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) नाम से नयी पार्टी बना ली थी. नैना चौटाला के पति अजय चौटाला और ससुर ओमप्रकाश चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल में सजा काट रहे हैं. नैना का मानना है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि मदद करती है.
आशा हुड्डा
आशा हुड्डा भी अपने परिवार के पुरुष नेताओं की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी जान से जुटी हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी और दीपेंद्र हुड्डा की मां हैं.
उनके पति कांग्रेस के टिकट पर सोनीपत से चुनाव मैदान में हैं और पुत्र रोहतक से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. वह अपने परिवार के दोनों पुरुषों के लिए वोट मांग रही हैं. सोनीपत और रोहतक के बीच उनका रोजाना आना-जाना रहता है. उनकी मदद उनकी बहू श्वेता हुड्डा भी कर रही हैं, जो चुनाव प्रचार के दौरान उनके साथ ही रहती हैं.
किरण चौधरी
तोशाम से कांग्रेस की विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू किरण चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनी बेटी श्रुति के लिए प्रचार कर रही हैं. पूर्व सांसद एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
रीता शर्मा, अंजू भाटिया अवंतिका और प्रेमलता ने भी संभाल रखी है कमान
रीता शर्मा पति अरविंद शर्मा के लिए प्रचार कर रही हैं, जो रोहतक से भाजपा के उम्मीदवार हैं. अंजू भाटिया करनाल से भाजपा के उम्मीदवार एवं अपने पति संजय भाटिया के लिए चुनाव प्रचार में जुटी हैं.
वहीं, अवंतिका माकन सिरसा से कांग्रेस के उम्मीदवार एवं अपने पति अशोक तंवर को जिताने के लिए चुनाव प्रचार में जुटी हैं. उचाना कलां विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक प्रेमलता अपने पुत्र बृजेंद्र सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं, जो हिसार से भाजपा के उम्मीदवार हैं और पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. बृजेंद्र जाट नेता एवं केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के पुत्र हैं और चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने आइएएस की नौकरी छोड़ी है.

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