नयी दिल्ली : पुलवामा हमले के बाद से भारत आतंकियों के मददगार पाकिस्तान पर हर तरफ से दबाव बढ़ा रहा है. भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान का पानी रोकने का प्लान तैयार कर रहा है. इसको लेकर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का निर्णय किया है. हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तित करेंगे और जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे.

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इस मामले को लेकर शुक्रवार को भी गडकरी का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का पानी रोकने का निर्णय केवल मेरे विभाग का नहीं है. सरकार और पीएम के लेवल पर निर्णय होगा लेकिन मैंने अपने विभाग से कहा है कि पाकिस्तान का जो इनके अधिकार क्षेत्र में पानी जा रहा था वो कहां-कहां रोक सकते हैं उसका टेक्निकल डिजाइन बनाकर तैयारी करो.

गडकरी ने आगे कहा कि यदि पाकिस्तान इसी तरह से बर्ताव करेगा और आतंकवाद का समर्थन करेगा तो फिर उनके साथ मानवता का व्यवहार करने का क्या मतलब है.

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू और अयूब खान के बीच में सिंधु जल समझौता हुआ. इस समझौते के मुताबिक, रावि, ब्यास और सतलज का पानी भारत उपयोग में लाएगा इसके साथ अन्य भारत से निकलने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान की ओर जाएगा. जिन तीन नदियों का पानी भारत को मिलता है, उसमें भारत का हिस्सा 33 मिलियन एमएफ था, उसमें से हमने अब तक 31 एमएफ उपयोग में लाया है.

गडकरी ने कहा कि अब हमने तय किया है कि बाकी का पानी भी हम अपने लिए इस्तेमाल करेंगे जिसके लिए तीन डैम बनाने की रूपरेखा तैयार है. इसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिली चुकी है. एक का निर्माण शाहपुर कांडी प्रॉजेक्ट के तहत कश्मीर में हो रहा है जिसका पानी जम्मू-कश्मीर को मिलेगा. साथ कुछ पानी यहां से पंजाब की ओर जाएगा. कुछ और प्रॉजेक्ट को भी मंजूरी मिल चुकी है. इन प्रॉजेक्ट से हम पाकिस्तान को जा रहे अपने अधिकार के पानी को रोकने का काम करेंगे और इसे राजस्थान, पंजाब और हरियाणा को देंगे.

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से यह समझौता हुआ था. उस वक्त पंडित नेहरू और अयूब खान के बीच अलग ही भाव था. इस भाव में दोनों देशों के बीच सद्भाव, प्रेम और सामंज्स्य की झालक थी. नेहरू ने बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए अपनी नदियों का पानी पाकिस्तान को देने का काम किया था.

उन्होंने आगे कहा कि अब यह सौहार्द्र गायब हो चुका है. आतंकवाद और आतंकदियों को सपॉर्ट करके इस पूरी भावना को खत्म करने का काम पाकिस्तान ने किया है. उन्होंने बताया कि अब मांग उठ रही है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान को नहीं देना चाहिए.