नयी दिल्ली : भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के संदर्भ में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान को गुमराह करनेवाला करार देते हुए मंगलवार को पाकिस्तान से इस आतंकी हमले को अंजाम देनेवालों एवं अपने नियंत्रणवाले क्षेत्र में अन्य आतंकवादियों एवं आतंकी संगठनों के खिलाफ विश्वसनीय एवं प्रमाणिक कार्रवाई करने को कहा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हुए हमले को आतंकवादी कृत्य मानने से इनकार कर दिया है, साथ ही इस जघन्य कृत्य की न तो निंदा की और न ही पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, आतंकी हमले से अपना कोई संबंध नहीं होने की बात कहना पाकिस्तान का पुराना बहाना रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जैश-ए-मोहम्मद और उस आतंकवादी के दावे को नजरंदाज कर दिया जिसने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्थापित तथ्य है कि जैश-ए-मोहम्मद और उसका सरगना पाकिस्तान में स्थित है और उस पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान के पास पर्याप्त साक्ष्य है. इमरान खान के बयान को खारिज करते हुए मंत्रालय ने कहा, यह निंदनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि आतंकी हमले के संबंध में भारत की प्रतिक्रिया आसन्न चुनाव पर आधारित है. भारत ऐसे गलत आरोपों को सिरे से खारिज करता है. भारत में लोकतंत्र दुनिया के लिए आदर्श है जिसे पाकिस्तान कभी नहीं समझ सकता है. विदेश मंत्रालय ने कहा, हम पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना बंद करे और पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देनेवालों एवं अपने नियंत्रणवाले क्षेत्र में अन्य आतंकवादियों एवं आतंकी संगठनों के खिलाफ विश्वसनीय एवं प्रमाणिक कार्रवाई करे.

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत को कहा कि यदि वह पुलवामा आतंकवादी हमले में कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी साझा करता है तो साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. लेकिन, साथ ही बदले की कोई भी कार्रवाई किये जाने को लेकर आगाह किया. खान ने कश्मीर में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर राष्ट्र के नाम पैगाम में एक वीडियो संदेश के जरिये प्रतिक्रिया दी. गौरतलब है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे.

इस पर विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर भारत सबूत देता है तब वह कार्रवाई करेगा, यह व्यर्थ का बहाना है. मंत्रालय ने कहा कि 26/11 आतंकी हमला मामले में भी पाकिस्तान को सबूत सौंपेध्ये थे, लेकिन इसके बावजूद पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से उस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई. इसी प्रकार से पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमला मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए कार्रवाई करने की गारंटी का उसका वायदा खोखला है. मंत्रालय ने कहा कि पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री ने नयी सोच पर आधारित नया पाकिस्तान का उल्लेख किया है. इस नये पाकिस्तान में वर्तमान सरकार के मंत्री वहां पर हाफीज सईद जैसे आतंकवादियों के साथ मंच साझा करते हैं.

बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने वार्ता की पेशकश की है और आतंकवाद के बारे में बात करने की इच्छा जाहिर की है. भारत ने बार-बार कहा है कि वह आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल में समग्र द्विपक्षीय वार्ता को तैयार है. विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान स्वयं को आतंकवाद से पीड़ित होने का दावा करता है जो सचाई से कोसों दूर है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान की सचाई से अवगत है जो आतंकवाद का केंद्र है.