चेन्नई : पुलवामा अटैक के बाद देश में जो आक्रोश है, उसके बाद तमिलनाडु के मक्कल निधि माईम पार्टी के लीडर और अभिनेता कमल हासन ने जो बयान दिया है, उसपर विवाद शुरू हो गया है. कमल हासन ने कल यहां एक कार्यक्रम में कहा कि हमेशा जवान क्यों शहीद हों? भारत और पाकिस्तान के राजनेता अगर सही तरीके से व्यवहार करें और सही निर्णय लें, तो किसी सैनिक को मरना नहीं होगा. नियंत्रण रेखा पर स्थिति हमेशा नियंत्रण में रहेगी.

कमल हासन ने कहा कि क्यों नहीं सरकार यहां जनमत संग्रह करा लेती है. अगर जनमत संग्रह हो जाये, तो समस्या का समाधान हो जायेगा. आखिर सरकार डरती क्यों है? कमल हासन के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में उनकी निंदा शुरू हो गयी है.

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गौरतलब है कि पाकिस्तान हमेशा विश्व समुदाय के समक्ष कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग करता रहता है, जिसे भारत सिरे से खारिज करता है. लेकिन नवंबर1947 में जब भारत के पहले गवर्नर जनरल कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग लेकर लाहौर गये थे, तो मोहम्मद अली जिन्ना ने इसे अस्वीकार दिया था. वर्ष 2017 में देश में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग की थी, हालांकि उन्हें देश में इस बयान पर किसी का साथ नहीं मिला था.