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जयपुर : लोगों को आपने अक्सर कहते सुना होगा कि नाम में क्या रखा है. आपको बता दें कि राजस्थान के धौलपुर जिले के गांव के लिए यह नाम ही शर्म की वजह बना हुआ है. चोरपुरा गांव के लोग लगभग 40 साल से इसे बदलने की कोशिश में हैं, लेकिन अब तक इसका नाम नहीं बदला जा सका है.
गांववालों ने कुछ नाम भी सुझाये हैं जिनमें सज्जनपुरा नाम भी शामिल है, जिसका अर्थ वर्तमान नाम से ठीक उल्टा होता है. ग्रामीणों का दावा है कि ‘खराब नाम’ न केवल उनके लिए शर्मिंदगी का विषय है, बल्कि इससे उनके बच्चों की शादी के अच्छे प्रस्ताव भी लौट जा रहे हैं.
स्थानीय कांग्रेस विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कुछ दिन पहले ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल गांव के नाम को बदलने की याचिका के साथ मिला था. वे लोग गांव के नाम को लेकर शर्मिंदगी महसूस कर रहे थे. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांग प्रशासन अनसुनी की है. अब ग्रामीण यह जानना चाहते हैं कि आखिर उनके गांव का नाम चोरपुरा कब बदलेगा.
सबके सामने गांव का नाम लेने से हिचकते हैं गांववाले
100 परिवारों का है गांव अधिकतर मजदूर व किसान
विधायक ने बताया, मैंने इस समस्या से बसेरी ब्लॉक के एसडीओ को अवगत कराया है. उनके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत यह गांव आता है. मैंने उन्हें ग्रामीणों की मांग के आधार सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए कहा है. विधायक बैरवा ने बताया कि इस छोटे से गांव में 100 परिवार हैं जो ज्यादातर कुशवाहा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. गांववालों का कहना है कि दूसरे गांव के लोग उन्हें बुरी नजर से देखते हैं और ये कहीं अपने गांव का नाम लेने से भी कतराते हैं.
नाम की वजह से बच्चों के विवाह में परेशानी
ग्रामीणों ने कहा कि गांव के नाम की वजह से उनके बच्चों की शादी के लिए अच्छे प्रस्ताव नहीं आ पाते हैं. सामाजिक रिश्ते नातों में भी उन्हें गांव का नाम लेने में समस्या होती है. विधायक बैरवा ने कहा, मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि इस गांव को यह नाम कैसे मिला. अब वे इस बात की पुरजोर मांग कर रहे हैं कि यह नाम बदला जाना चाहिए. यह गांव ममोदन ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है.
गांव का नाम चोरपुरा से कैसे बदला जा सकता है इसकी प्रक्रिया के लिए उपखंड अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा जो भी समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए अधिकारियों को मौके पर निर्देश दिये गये हैं.
खिलाड़ी लाल बैरवा, कांग्रेस विधायक