Supreme Court ने ED से पूछा, किस तारीख को कार्ति चिदंबरम से करना चाहते हैं पूछताछ

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से 30 जनवरी तक वह तारीख बताने को कहा किस दिन वह आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम से पूछताछ करना चाहता है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2019 4:54 PM
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से 30 जनवरी तक वह तारीख बताने को कहा किस दिन वह आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम से पूछताछ करना चाहता है.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने ईडी की ओर से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह उस तारीख के बारे में बतायें जिस दिन जांच एजेंसी कार्ति से पूछताछ करना चाहती है. पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने एक कंपनी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंटों के लिए अगले कुछ महीनों के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन जाने की अनुमति दिये जाने का अनुरोध किया था. इस टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ द्वारा किया जा रहा है. याचिका में कहा गया था कि कार्ति टेनिस से पूर्व खिलाड़ी, वर्तमान प्रशासक और उद्यमी के रूप में जुड़े हुए हैं. ईडी उनकी याचिका का विरोध कर रही है.

पीठ ने कहा, हम दोनों चीजें सुनिश्चित करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह (कार्ति) आपके (ईडी) समक्ष पेश हों और वह टेनिस टूर्नामेंट के लिए विदेश भी जा सकें. पीठ ने हालांकि कहा, अगर वह टाल-मटोल करते हैं तो उसके लिए कोई टेनिस नहीं है. इससे पूर्व सर्वोच्च अदालत ने कार्ति की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा था, कौन हैं कार्ति? कार्ति चिदंबरम, आप कह रहे हैं? उन्हें वहीं रहने दो जहां वह हैं. निर्णय लेने के लिए हमारे पास और भी महत्वपूर्ण मामले हैं. पिछले वर्ष 18 सितंबर को कार्ति को 20 सितंबर से 30 सितंबर तक ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी गयी थी. कार्ति आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है. जिनमें से एक मामला आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी से संबंधित है. जिस समय यह मंजूरी मिली, उस समय कार्ति के पिता वित्त मंत्री थे.

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