26.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 08:12 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

KCR : कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता से तेलंगाना गौरव की पहचान बनने का सफर

Advertisement

हैदराबाद : कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में लगभग गुमनामी में सियासी सफर की शुरूआत से तेलंगाना गौरव का चेहरा बनने तक के. चंद्रशेखर राव ने राजनीति की तेज लहरों पर बड़े सधे अंदाज में अपनी चुनावी नैया पार की है. उन्होंने कांग्रेस को झुकने पर मजबूर करके अलग तेलंगाना राज्य के गठन में […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

हैदराबाद : कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में लगभग गुमनामी में सियासी सफर की शुरूआत से तेलंगाना गौरव का चेहरा बनने तक के. चंद्रशेखर राव ने राजनीति की तेज लहरों पर बड़े सधे अंदाज में अपनी चुनावी नैया पार की है. उन्होंने कांग्रेस को झुकने पर मजबूर करके अलग तेलंगाना राज्य के गठन में सफलता भी हासिल की.

अलग तेलंगाना राज्य के दशकों पुराने एकमात्र स्वप्न को साकार करने के लिए बनी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की मंगलवार को घोषित परिणामों में जबरदस्त जीत के बाद केसीआर के नाम से लोकप्रिय के. चंद्रशेखर राव (64) ने देश के सबसे नये राज्य का सबसे ऊंचे कद वाला नेता होने का अपना दावा बरकरार रखा है.

जून 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से हुए पहले विधानसभा चुनाव में मिली यह सफलता उनके लिए राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की उनकी आकांक्षा को मूर्त रूप देने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. उन पर अकसर परिवार का शासन चलाने और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं.

ये भी पढ़ें… कांग्रेस को मिलती बढ़त पर अखिलेश ने ली चुटकी, कहा- जब एक और एक मिलकर बनते हैं ग्यारह…

कार्यवाहक मुख्यमंत्री राव के बेटे के टी रामाराव उनकी सरकार में मंत्री रहे. वहीं बेटी के. कविता निजामाबाद से लोकसभा सदस्य हैं. राव के भतीजे हरीश राव भी राज्य की कार्यवाहक सरकार में मंत्री हैं. गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस मोर्चे के हिमायती रहे केसीआर की यह सफलता क्षेत्रीय क्षत्रप के रूप में उनकी ताकत को और मजबूती प्रदान करेगी. तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से करीब सात महीने पहले ही सितंबर में विधानसभा भंग करने के राव के फैसले को मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है.

उन्हें लगता था कि लोकसभा चुनावों के साथ राज्य विधानसभा चुनाव होने पर राष्ट्रीय मुद्दे राज्य के मुद्दों पर हावी हो सकते हैं. उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने के कुछ ही घंटे के भीतर 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए 105 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया था. तभी से टीआरएस के उम्मीदवार मैदान में उतर गये और उनकी मेहनत रंग लाई. टीआरएस अध्यक्ष ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर लगातार निशाना साध कर ‘तेलंगाना गौरव’ के मुद्दे को जीवंत रखा.

उन्होंने नायडू पर तेलंगाना का विकास बाधित करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बाहरी नेता की संज्ञा भी दी. इसके अलावा वह बार-बार अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते रहे. खुद को मेडक जिले के चिंतामडाका गांव का किसान बताने वाले राव की संपत्ति पिछले करीब चार साल में 41 प्रतिशत बढ़कर 22.6 करोड़ रुपये पहुंच गयी है. युवा कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरूआत करने वाले राव ने 1983 में तेलुगू देशम पार्टी का दामन थामा.

ये भी पढ़ें… कौन होगा राजस्थान का सीएम, कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी करेंगे तय

वह पहले ही चुनाव में सिद्दीपेट सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार से हार गये. केसीआर 1985 में इस सीट पर चुनाव जीत गये और उसके बाद से उनका सफर सफलता के पथ पर आगे बढ़ता रहा. वह एनटी रामाराव सरकार में मंत्री भी रहे. वह आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. अलग तेलंगाना राज्य का उनका सपना उन्होंने कभी नहीं छोड़ा. 2001 में उन्होंने तेदेपा छोड़ दी और टीआरएस का गठन किया.

उन्होंने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया और 2004 के लोकसभा चुनाव उसके साथ गठबंधन में लड़े. कांग्रेस ने तेलंगाना को राज्य बनवाने का वादा किया था. बाद में कांग्रेस पर इस मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने गठबंधन छोड़ दिया. राव ने 2009 के लोकसभा चुनाव तेदेपा के साथ मिलकर लड़े. विभिन्न राजनीतिक घटनाक्रम से गुजरते हुए राव ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया.

तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नौ दिसंबर, 2009 को घोषणा की कि तेलंगाना के गठन के लिए कदम उठाये जायेंगे. इसके बाद राव ने 11 दिन तक चले अपने अनशन को समाप्त कर दिया. लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार वह अलग तेलंगाना राज्य बनवाने में सफल रहे और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें