नयी दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे के दिन शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले सोमवार को सरकार की आेर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक शुरू हो गयी है. सरकार की आेर से यह बैठक दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज शांतिपूर्वक चलाने को लेकर बुलायी गयी है. हालांकि, इस बैठक का यह कहते हुए बहिष्कार कर दिया कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गयी, तो उनकी पार्टी इसका विरोध जतायेगी. सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत सत्तापक्षा आैर विपक्ष के कर्इ नेता शामिल हुए.

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गौरतलब है कि संसदीय कार्य मंत्रालय प्रत्येक सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक का आयोजन करती है और बैठक में प्रधानमंत्री सभी दलों को सरकार का एजेंडा बताते हैं और सरकारी कामकाज के लिए विपक्ष का समर्थन मांगते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले संसद का यह अंतिम संपूर्ण सत्र है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे संसद की कार्यवाही पर असर डाल सकते हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को आयेंगे. सरकार राज्यसभा में लंबित ट्रिपल तलाक बिल पारित करने पर जोर देगी. उसने तीन तलाक को रोकने के लिए अध्यादेश लागू किया है. सामान्य रूप से शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू होता है. हालांकि, लगातार दूसरी साल इस बार इसकी शुरुआत दिसंबर में हो रही है. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की वजह से इस साल सत्र देरी से शुरू हो रहा है.