‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
भुवनेश्वर : ओड़िशा विधानसभा ने राज्यों की विधानसभाओं और संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा लाये गये इस प्रस्ताव पर मंगलवार को रात तक बहस हुई. फिर इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. सत्तारूढ़ बीजू जनता दल, विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. पटनायक ने प्रस्ताव पेश करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया.
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गौरतलब है कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक लंबित है और संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर को शुरू होगा. 147 सदस्यों वाली ओड़िशा विधानसभा में फिलहाल 12 महिला सदस्य हैं. सरकार के मुख्य सचेतक अमर प्रसाद सत्पथी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के मामले में ओड़िशा बाकी राज्यों से आगे है. बहस में भाग लेते हुए भाजपा विधायक दल के नेता केवी सिंहदेव, विधायक प्रदीप पुरोहित और रवि नायक ने इस प्रस्ताव को लाने की सरकार की मंशा पर संदेह जाहिर किया.
कांग्रेस के मुख्य सचेतक तारा प्रसाद बहिनीपती ने कहा कि यह सत्तारूढ़ दल की राजनीतिक रणनीति है, क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य
महिला मतदाताओं को लुभाना है.