रामायण के अंदर छिपी हैं ‘वानर’ की उल्लेखनीय कहानी : आनंद नीलकंठन
नयी दिल्ली: फिल्म ‘बाहुबली’ के लेखक आनंद नीलकंठन को महाकाव्यों के अंदर छिपी हुई कहानियों को खोज कर सामने लाना पसंद है. उनकी नयी पुस्तक ‘वानर’ में रामायण के अपराजित नायक बाली, उनकी पत्नी तारा अौर उनके भाई सुग्रीव की कहानी बयां की गयी है. यह पुस्तक सबसे पहले लघुकथा के रूप में लिखीगयी थी. […]
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नयी दिल्ली: फिल्म ‘बाहुबली’ के लेखक आनंद नीलकंठन को महाकाव्यों के अंदर छिपी हुई कहानियों को खोज कर सामने लाना पसंद है. उनकी नयी पुस्तक ‘वानर’ में रामायण के अपराजित नायक बाली, उनकी पत्नी तारा अौर उनके भाई सुग्रीव की कहानी बयां की गयी है. यह पुस्तक सबसे पहले लघुकथा के रूप में लिखीगयी थी.
नीलकंठन ने तारा पर 5,000 शब्द लिखे थे, लेकिन प्रकाशक इसे पुस्तक के तौर पर प्रकाशित करना चाहता था. हालांकि, वह इसे उपन्यास बनाने को लेकर संशय में थे. इसलिए उन्होंने एक बार फिर से रामायण के विभिन्न संस्करणों को पढ़ना शुरू किया.
नीलकंठन ने कहा, ‘मैंने पाया कि एक महाकाव्य के अंदर एक और महाकाव्य छिपा हुआ है. बाली, तारा और सुग्रीव के किरदार को कभी विस्तार से नहीं बयां किया गया. बाली रामायण का अविजित नायक था, जिसने रावण को पराजित किया था. उसकी कहानी बताने लायक है, क्योंकि उसका दुखद अंत हुआ.’
इस प्रकार ‘वानर : द लीजेंड आॅफ बाली, सुग्रीव और तारा’ का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक ‘वानर’ के प्रसिद्ध चरित्रों को नये तरीके से लोगों के सामने रखेगी और उन्हें सोचने के लिए मजबूर कर देगी.