नयी दिल्ली : रातोंरात सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारी आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना पर सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई के बाद उपजे विवाद में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी कूद गये हैं. इस मामले में उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि सीबीआई में जारी अफसरों को हटाने के खेल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के राजेश्वर को निलंबित करने की योजना भी बन रही है, ताकि वो चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट फाइल ना कर सकें.
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उन्होंने लिखा कि अगर मेरी सरकार ही उन्हें बचाने की कोशिश करेगी, तो मेरे पास भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की कोई वजह नहीं बचेगी, तब मुझे उन सभी भ्रष्टाचार के मामलों को वापस लेना होगा, जो मैंने फाइल किये हैं. वहीं, इससे पहले भाजपा नेता ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को क्लीन चिट दे दी थी. उन्होंने कहा कि मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि वर्मा निर्दोष हैं. वह अफसर हैं, उन्हें हटाने के पीछे क्या वजह है, ये मुझे नहीं पता.
राकेश अस्थाना के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल गठित हुई थी, जो मांस निर्यातक मोइन क़ुरैशी केस की जांच कर रही थी. आरोप है कि इसकी जांच में क़ुरैशी को बरी करने के लिए अस्थाना ने रिश्वत ली है. वहीं, अस्थाना ने भी आरोप लगाया है कि आलोक वर्मा ने ही इसकी जांच को रुकवाने में अहम भूमिका निभायी है. सीबीआई ने राकेश अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआईटी में शामिल जांच अधिकारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार भी कर चुकी है.