सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को लिया आड़े हाथ, कहा – वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते
नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान के साथ वार्ता रद्द करने के सरकार के निर्णय का रविवार को समर्थन किया और कहा कि वार्ता एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकता. शुक्रवार को सरकार ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या और इस्लामाबाद द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करने […]
नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान के साथ वार्ता रद्द करने के सरकार के निर्णय का रविवार को समर्थन किया और कहा कि वार्ता एवं आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकता. शुक्रवार को सरकार ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या और इस्लामाबाद द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करने वाला डाक टिकट जारी करने का उल्लेख करते हुए भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच न्यू याॅर्क में होनेवाली बैठक रद्द कर दी थी.
रावत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम के आह्वान के बावजूद सीमापार से घुसपैठ जारी है. उन्होंने कहा कि यह जारी रहने नहीं दी जा सकती और आतंकवादियों को घाटी में शांति बाधित करने से रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा. रावत यहां तीन मूर्ति हैफा मेमोरियल में हाइफा दिवस शताब्दी पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच न्यू याॅर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर होनेवाली वार्ता रद्द करने के सरकार के निर्णय का समर्थन किया. उन्होंने कहा, सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है. आप (पाकिस्तान) हमें कुछ पहल दिखाइये ताकि हमें महसूस हो कि आप आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं. यद्यपि हम देख रहे हैं कि आतंकी गतिविधियां जारी हैं और आतंकवादी सीमा की दूसरी ओर से आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ऐसे माहौल में क्या वार्ता शुरू की जा सकती है, इसका निर्णय केवल सरकार कर सकती है. मैं सरकार के निर्णय से सहमत हूं कि शांति वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकता. रावत ने कहा कि सेना जम्मू कश्मीर में नवंबर में होनेवाले पंचायत चुनाव में अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सुरक्षा मुहैया करायेगी. उन्होंने कहा, आज हम पंचायत चुनाव देख रहे हैं, हम चाहते हैं कि यह चुनाव आगे बढ़े क्योंकि इससे सत्ता लोगों के हाथों में आयेगी. उन्होंने कहा, हमारा काम यह है कि वहां प्रशासन और चुनाव आयोग अपना काम कर सके ताकि लोग बाहर आयें और अपना वोट बिना किस भय एवं बाधा के डाल सकें.
इससे पहले सेना प्रमुख ने शनिवार को पाकिस्तान सेना की बीएसएफ जवान के साथ की गयी बर्बरता पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. सेना प्रमुख ने कहा था कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने का समय आ गया है. सेना प्रमुख ने कहा, आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना की बर्बरताओं का बदला लेने के लिए हमें कठोर कार्रवाई करनी होगी. हां, अब समय आ गया है बिना बर्बरता का सहारा लिये हमें पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा. मुझे लगता है कि उन्हें भी ऐसा ही दर्द महसूस कराना चाहिए.