15.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 09:47 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सिद्धू को झटका – 30 वर्ष पुराने रोड रेज मामले में सुनायी गयी सजा पर गौर करेगा Supreme Court

Advertisement

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय 30 वर्ष पुराने रोड रेज मामले में पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुनायी गयी सजा पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गया है. इसे सिद्धू के लिए एक झटका माना जा रहा है. शीर्ष न्यायालय ने 15 मई को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय 30 वर्ष पुराने रोड रेज मामले में पंजाब के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुनायी गयी सजा पर फिर से विचार करने पर सहमत हो गया है. इसे सिद्धू के लिए एक झटका माना जा रहा है.

- Advertisement -

शीर्ष न्यायालय ने 15 मई को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया था और उन्हें तीन वर्ष जेल की सजा सुनायी गयी थी. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने उन्हें एक वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने के मामूली अपराध का दोषी पाया था. उच्चतम न्यायालय ने हालांकि उन पर आईपीसी की धारा 323 के तहत एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की एक पीठ मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक पुनर्विचार याचिका पर गौर करने पर सहमत हो गयी और मामले में सिद्धू को नोटिस जारी किया.

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड किये गये आदेश में पीठ ने कहा, नवजोत सिंह सिद्धू को इस मामले में नोटिस जारी किया जाता है. न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति कौल की एक पीठ ने 15 मई को सिद्धू के सहयोगी और सह-आरोपी रूपिंदर सिंह संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. आईपीसी की धारा 323 के तहत अधिकतम एक वर्ष जेल की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया या दोनों लगाया जा सकता है. उच्चतम न्यायालय ने हालांकि सिद्धू और संधू की अपीलों को स्वीकार करते हुए कहा था कि चिकित्सा साक्ष्य पीड़ित गुरनाम सिंह की मौत के कारण के बारे में बिल्कुल अनिश्चित थे.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें