असम : NRC के लिए दावे और आपत्तियां स्वीकार करने की तारीख न्यायालय ने टाली

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए दावे और आपत्तियां स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू करने की तारीख बुधवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दी. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट का अवलोकन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2018 4:29 PM
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नयी दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए दावे और आपत्तियां स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू करने की तारीख बुधवार को अगले आदेश तक के लिए टाल दी. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह आदेश दिया. इस रिपोर्ट में हजेला ने कहा है कि राज्य के नागरिकों की सूची में दावा करने के लिए दावेदार सूची ‘ए’ में प्रदत्त 15 में से 10 दस्तावेजों को आधार बना सकते हैं. पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपल और दूसरे पक्षकारों से कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर इस रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करें.

पीठ ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर के लिए स्थगित कर दी. इससे पहले, 28 अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे में हाल ही में शामिल किये गये लोगों में से दस प्रतिशत के नामों का फिर से सत्यापन कराने पर वह विचार कर सकता है.

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शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को बड़े पैमाने वाली मानवीय समस्या बताया था और दावेदारों को अपनी विरासत के दस्तावेजों के नये सेट दायर करने की अनुमति देने के नतीजों के बारे में राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट देने के लिए कहा था. राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी का अंतिम मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल थे. इस सूची में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे. इनमें से 37,59,630 लोगों के नाम अस्वीकार कर दिये गये हैं जबकि 2,48,077 लोगों के नाम रोक लिये गये थे.

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