चेन्नई : एम करुणानिधि के निधन के बाद डीएमके में नेतृत्व के लिए दोनों भाइयों एमके स्टालिन व एमके अलागिरि में टकराव जारी है. इसी क्रम में करुणानिधि के बड़े बेटे एमके अलागिरि ने आज मदुरै में अपने समर्थकों के साथ बैठक का सिलसिला शुरू किया है. ऐसे में इस बात की संभावना मजबूत है कि वे आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी समर्थकों के साथ बैठक करेंगे. एमके अलागिरि को 2013 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह व वाइको से मुलाकात के बाद करुणानिधि से पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

पिछले दिनों करुणानिधि की तबीयत बिगड़ने के बाद दोनों भाई एक साथ दिखे थे. उनके निधन के बाद भी मीडिया में दोनों भाइयों की हाथ थामे रोते हुए तसवीर मीडिया में आयी. हालांकि बाद में एमके अलागिरि ने करुणानिधि की समाधि पर जाकर पार्टी के नेतृत्व का दावा किया और कहा कि उनके पिता के वास्तविक समर्थक व रिश्तेदार उनके साथ आएंगे.

वहीं, इसके ठीक बाद डीएमके कार्यकारिणी की एक बैठक आयोजित की गयी, जिसमें एमके स्टालिन ने कहा कि उनके रास्ते में आने वाली बाधा को वे हटा देंगे. उक्त बैठक में सभी नेताओं ने स्टालिन के नेतृत्व में आस्था जतायी. हालांकि इस बैठक में उन्हें करुणानिधि की जगह अध्यक्ष नहीं चुना जा सका, जिसकी संभावना थी. स्टालिन अभी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. एमके स्टालिन को खुद एम करुणानिधि ने उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया था.