नयी दिल्ली : दूरसंचार सचिव अरूणा अरूणा सुदंरराजन ने आज कहा कि दूरसंचार विभाग का संदेश का आदान प्रदान करने वाली एप और प्लेटफार्म पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की कोई योजना नहीं है . सरकार इनके दुरूपयोग के खास मामलों को रोकने के लिये तकनीकी समाधान चाहती है. सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. सरकार ने व्हाट्सएप सहित दूसरे प्लेटफार्म के जरिये प्रसारित होने वाले ऐसे संदेशों पर पाबंदी लगाने तथा इनके मूल स्रोत का पता लगाने के लिये कंपनियों से तत्काल कदम उठाने को कहा है.

उन्होंने यहां एक सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘…एक छोटे हिस्से के दुरूपयोग की वजह से हम पूरे प्लेटफार्म पर पाबंदी नहीं लगा सकते. इसके पीछे सोच यह है कि शिकायतों के निपटान के लिये प्रभावी व्यवस्था विकसित की जाए …इस प्रकार के मामलों में लक्षित निरोधक या सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी.” सचिव से हाल ही में दूरसंचार विभाग द्वारा उद्योगों से मांगे गये विचार के बारे में सवाल पूछे गये थे. विभाग ने दूरसंचार उद्योग से तकनीकी उपायों पर राय मांगी है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था को खतरा होने की स्थिति में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि जैसे मोबाइल एप को ब्लाक किया जा सकता है. झूठी सूचना के प्रसार तथा संदेश के आदान-प्रदान के प्लेटफार्म पर अफवाह को लेकर चिंता जतायी जा रही है.

इसके कारण पीट-पीटकर हत्या के कई मामले हुए हैं. हालांकि व्हाट्सएप ने संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने का समाधान उपलब्ध कराने की भारत की मांग खारिज कर दी है. उसका कहना है कि इससे पूरी निजता की व्यवस्था प्रभावित होगी. दूरसंचार सचिव ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण, कृत्रिम मेधा जैसे तकनीकी समाधान के गुमराह करने वाले संदेश की पहचान को लेकर उपयोग की अनुमति है.
उन्होंने कहा, ‘‘अत: इनका समाधान प्रौद्योगिकी है लेकिन इसका मतलब सभी एप पर पवाबंदी लगाना नहीं हो सकता. ऐसा कोई इरादा नहीं है…हमें सुधारात्मक कदम उठाने के काबिल होना चाहिए….” सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी ने संवाददाताओं से कहा कि व्हाट्सएप मैसेजिंग एप पर सरकार के फर्जी खबर को लेकर चिंता के बारे में जानना चाहती थी. उन्होंने कहा, ‘‘वे यहां आये और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री से मुलाकात की. मंत्री ने चिंताओं से अवगत कराया. हमें उनके जवाब का इंतजार है.”