‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनावों में नोटा का विकल्प प्रदान करने संबंधी निर्वाचन आयोग की अधिसूचना मंगलवार को निरस्त कर दी. कोर्ट ने कहा कि यह दलबदल और भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि नोटा का विकल्प सिर्फ प्रत्यक्ष चुनावों के लिए है. यह मत हस्तांतरण के जरिये आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होने वाले चुनावों के लिए नहीं है. कोर्ट ने राज्यसभा के पिछले चुनावों के दौरान गुजरात विधान सभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक शैलेश मनुभाई परमार की याचिका पर यह फैसला सुनाया.