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नयी दिल्ली : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने टेलीकॉम रेगुलेटरी ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा के बचाव में उतरते हुए कहा कि शर्मा की जो व्यक्तिगत जानकारी ट्विटर पर डाली जा रही है, वह आधार डाटाबेस या सर्वर से नहीं ली गयी हैं. इस बारे में डाटाबेस को हैक किये जाने के जो दावे किये जा रहे हैं, वह जानकारी गूगल सर्च पर आसानी से उपलब्ध हैं. इसके लिए 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या की आवश्यकता भी नहीं है.
उल्लेखनीय है कि आधार नंबर के संभावित दुरुपयोग को लेकर आरएस शर्मा और कुछ ट्विटर यूजर्स के बीच बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है. यूआइडीएआइ इस विवाद में शर्मा के समर्थन में कूद पड़ा है. दरअसल ट्राई प्रमुख ने शनिवार को अपने ट्विटर पर अपना आधार नंबर सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुए खुली चुनौती दी थी कि क्या केवल आधार नंबर जानने से ही कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है. इसके बाद ट्विटर इस्तेमाल करनेवालों के बीच खुली जंग छिड़ गयी.
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कई यूजर्स ने शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी, पैन, मोबाइल नंबर, घर का पता इत्यादि बताना शुरू कर दिया. बहरहाल, यूआइडीएआइ ने एक वक्तव्य में कहा है कि ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आर एस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है, वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआइडीएआइ के सर्वर से नहीं उठायी गयी है.
इसमें कहा गया है कि शर्मा पिछले कई दशकों से सरकारी सेवा में हैं. उनके बारे में काफी कुछ जानकारी गूगल सर्च और कई अन्य साइट पर उपलब्ध है. यह जानकारी आधार नंबर के बिना भी गूगल पर केवल सामान्य खोज करने से उपलब्ध हो जायेगी. यूआईडीएआई ने कहा, वास्तव में जिस जानकारी को हैक करके प्राप्त जानकारी बताया जा रहा है, जैसे शर्मा का व्यक्तिगत ब्यौरा, उनके घर का पता, जन्म तिथि, फोटो, मोबाइल नंबर, इ-मेल पता आदि ये तमाम जानकारी पहले से ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं.
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कई ट्विटर यूजर्स ने दावा किया कि उन्होंने आधार डाटाबेस को हैक कर शर्मा से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल कर ली है. हालांकि आधार नंबर जारी करनेवाली सरकारी संस्था यूआइडीएआइ ने इन दावों को स्वांग करना बताया है.