आईएनएक्स मीडिया प्रकरण : कार्ति को जमानत के खिलाफ CBI पहुंची Supreme Court

नयी दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी अपील में दावा किया है कि निचली अदालत में जमानत की अर्जी लंबित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2018 5:42 PM
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नयी दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को जमानत देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी.

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी अपील में दावा किया है कि निचली अदालत में जमानत की अर्जी लंबित होने के दौरान उच्च न्यायालय को कार्ति की जमानत याचिका पर विचार की अनुमति नहीं है. एजेंसी ने आरोप लगाया गया है कि उच्च न्यायालय ने जमानत के स्तर पर साक्ष्यों की गुणवत्ता का विस्तृत अवलोकन करके गलत किया था और इससे जांच ब्यूरो का मामले पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ा है. जांच ब्यूरो ने अपनी अपील में कहा है कि कार्ति को जमानत देते समय उच्च न्यायालय आरोपों के स्वरूप, इसके समर्थनवाले साक्ष्यों और मौजूदा मामले में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की समुचित आशंका की संभावना का पता लगाये बगैर ही न्यायोचित तरीके से अपने विवेक का इस्तेमाल करने में विफल रहा.

उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने 23 मार्च को कार्ति को जमानत प्रदान कर दी थी. सीबीआई ने कार्ति को 28 फरवरी को गिरफ्तार किया था. एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि राहत से उस समय तक इनकार नहीं करना चाहिए जब तक कि अपराध बहुत ही अधिक गंभीर न हो और जिसके लिए अधिक कठोर दंड का प्रावधान हो. उच्च न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की थी कि उसकी तत्कालीन कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विसेज (प्रा) लिमिटेड और एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्रा लि के बीच सांठगांठ के बारे में साक्ष्य हैं जिसने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से कथित मंजूरी दिलाने के लिये दस लाख रुपये का भुगतान प्राप्त किया था. परंतु कार्ति को जमानत से इनकार करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि चेक से लिये गये इस भुगतान को कंपनी के रिकार्ड में दर्शाया गया है.

सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में कार्ति को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड ने आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये की रकम प्राप्त करने के लिए अनुमति प्रदान करने में अनियमितताएं की. इस समय कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे. सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि कार्ति ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिये दस लाख रुपये की रिश्वत ली. बाद में उसने इस आंकड़े में परिवर्तन करते हुए इसे दस लाख अमेरिकी डॉलर बताया था.

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