‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : गैर भाजपा शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल के आवास पर जाकर उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों के साथ उपराज्यपाल कार्यालय में धरना पर बैठे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक के उनके समकक्ष- चंद्रबाबू नायडू , पिनरायी विजयन और एच डी कुमारस्वामी शनिवार की शाम केजरीवाल के आवास पर पहुंचे. वे सभी नीति आयोग की रविवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आये हुए हैं.
मुख्यमंत्रियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात तथा उनके कार्यालय में धरना पर बैठे केजरीवाल तथा उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों पर एक प्रतिवेदन देने की अनुमति मांगी है. उन्होंने एक पत्र में कहा है, ‘हम सब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से संबंधित मुद्दों के संबंध में आपको प्रतिवेदन देना चाहते हैं. कृपया हमें मिलने की इजाजत दीजिए, हम इंतजार कर रहे हैं. हम आपसे आज रात नौ बजे का समय देने का अनुरोध करते हैं.’
केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन तथा गोपाल राय उपराज्यपाल कार्यालय में धरना पर बैठे हैं. आप सरकार का कहना है कि आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं और उन्हें हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया जाए और घर तक राशन आपूर्ति योजना को मंजूरी दी जाए.
बहरहाल, आप के एक नेता राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि बैजल ने ममता को केजरीवाल से मुलाकात की अनुमति देने से मना कर दिया. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बैजल को निर्देश दिया है कि ममता को उनसे मुलाकात की अनुमति नहीं दी जाए.
वहीं ममता ने कहा कि हम एकजुटता दिखाने के लिये केजरीवाल के घर आये हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में संवैधानिक संकट है. इससे पूर्व ममता बनर्जी ने एम्स में इलाजरत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वालपेयी से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.