‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज कहा कि उनका परिवार ‘ लोकतांत्रिक और तर्कशील’ है तथा अपने पिता के साथ मतभेद जताने में उन्हें कोई समस्या नहीं है. मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जाने पर सवाल खड़े करने वाली शर्मिष्ठा ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की कथित टिप्पणियों के जवाब में यह बात कही. स्वामी ने शर्मिष्ठा के पिता से अलग विचार रखने का कथित तौर पर समर्थन किया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी ने शर्मिष्ठा के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह ऐसा कुछ है जिसके साथ आप बड़े होते हैं. मेरी खुद की बेटी मेरे विचारों से सहमत नहीं होती और मैं उसके विचारों से सहमत नहीं होता. परंतु हम खुशहाल परिवार हैं हमें यह सीखना चाहिए कि हर व्यक्ति के अपने विचार होते हैं.’ इसके जवाब में शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, ‘‘ निश्चित तौर पर. इसी तरह में पली – बढ़ी हूं. इसलिए मुझे विभिन्न मुद्दों पर उनके साथ सार्वजनिक रूप से अलग विचार व्यक्त करने में कोई दिक्कत नहीं होती. हम लोकतांत्रिक , तर्कशील परिवार हैं और यह मैंने अपने पिता से ही सीखा है.’
शर्मिष्ठा ने कल आरएसएस के कार्यक्रम से जुड़ी मुखर्जी के तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया में शेयर किए जाने पर कहा था , ‘‘ देखिए , मुझे इसी का डर था और इसके बारे में मैंने अपने पिता को आगाह किया था. कुछ घंटे भी नहीं बीते कि भाजपा एवं आरएसएस का डर्टी ट्रिक्स विभाग अपने काम में जुट गया.’ मुखर्जी ने कल ‘‘ राष्ट्र , राष्ट्रवाद और देशप्रेम ‘ के बारे में आरएसएस मुख्यालय में अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि भारत की आत्मा ‘‘ बहुलतावाद एवं सहिष्णुता ‘ में बसती है.