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नयी दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को आयोजित होने वाले आरएसएस के एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए बुधवार को नागपुर पहुंचे. उन्हें ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के समापन समारोह मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है. मुखर्जी ने संघ के कार्यक्रम में जाने से पहले कहा था कि वह जो कहना चाहते हैं, सात जून को नागपुर में कहेंगे.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस सहित देश के राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि आखिर वह अपने संबोधन में कहेंगे क्या? करीब 5 दशक से कांग्रेस की राजनीति करने वाले पूर्व राष्ट्रपति का संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेना अप्रत्याशित माना जा रहा है. वह गुरुवार शाम को 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक संघ मुख्यालय में उपस्थित रहेंगे.
कार्यक्रम की शुरुआत संघ के भगवा ध्वज को फहराए जाने से की जाएगी. संघ की शब्दावली में इसे ध्वजारोहण की संज्ञा दी गयी है. संघ के इस दीक्षांत समारोह में प्रणब मुखर्जी समेत 4 लोग मंच पर मौजूद रहेंगे. इनमें मोहन भागवत और आरएसएस के दो अन्य सीनियर अधिकारी भी शामिल होंगे. प्रणब मुखर्जी करीब आधे घंटे इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. जानकारों की मानें तो वह राष्ट्रीय मुद्दों पर ही बात करेंगे और राजनीतिक मुद्दों से परे रह सकते हैं. उनके बाद आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत का भाषण होगा.
जानकारी के अनुसार संघ मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी का डिनर भी हो सकता है, हालांकि परंपरा के अनुसार संघ प्रमुख मोहन भागवत कार्यकर्ताओं के साथ ही कॉमन हॉल में भोजन करेंगे. उल्लेखनीय है कि बुधवार रात को भी प्रणब मुखर्जी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत और गवर्नर विद्यासागर राव के साथ डिनर किया था.
मामूल हो कि कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब को पत्र लिखकर और कॉल कर संघ के कार्यक्रम में नहीं जाने की सलाह दी थी. जयराम रमेश और सीके जाफर शरीफ जैसे कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि प्रणब मुखर्जी जैसे विद्वान और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति को संघ के साथ कोई नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए.