काला धन पर मोदी सरकार का ”धन धना धन ऑफर”, मिलेगा 5 करोड़ का इनाम…!

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से देश की सत्ता संभाली है, वह लगातार कालेधन पर प्रहार की बात करते रहे हैं. इस कोशिश में देश भर में नोटबंदी और जीएसटी की क्रांति लानेवाले पीएम मोदी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’कामशहूर नारा लगाचुके हैं. बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2018 11:10 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से देश की सत्ता संभाली है, वह लगातार कालेधन पर प्रहार की बात करते रहे हैं. इस कोशिश में देश भर में नोटबंदी और जीएसटी की क्रांति लानेवाले पीएम मोदी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’कामशहूर नारा लगाचुके हैं.

बेनामी संपत्ति पर जोरदार चोट करने के इरादे से मोदी सरकार ने एक करोड़ रुपये की इनामी योजना का ऐलान किया है.दरअसल, आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति को उजागर करने के लिए ‘बेनामी ट्रांसफर सूचना रिवार्ड योजना, 2018’ की शुरुआत की है.

इसके तहत किसी की बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी देनेवाले को एक करोड़ की इनामी राशि मिल सकती है. यानी अब आप आयकर विभाग को बेनामी संपत्ति की जानकारी देकर एक करोड़ रुपये इनाम पा सकते हैं. यही नहीं, विदेश में काला धन (अघोषित विदेशी आय व संपत्ति) की जानकारी देकर पांच करोड़ रुपये तक इनाम के हकदार बन सकते हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) नेहालही में बेनामी ट्रांजैक्शंस इंफाॅर्मेंट्स रिवार्ड स्कीम, 2018 की घोषणा की. इसके तहत कोई भी व्यक्ति आयकर विभाग के जांच निदेशालय में बेनामी निषेध इकाई के संयुक्त या अतिरिक्त आयकर आयुक्त को ऐसी बेनामी लेनदेन और संपत्ति की जानकारी दे सकता है, जिस पर बेनामी लेनदेन निषेध (संशोधित) कानून, 2016 के तहत कार्रवाई की जा सके. इस योजना के लिए विदेशी भी पात्र होंगे.

मालूम हो कि अब तक इनकम टैक्स इंफाॅर्मेंट्स रिवार्ड स्कीम के तहत देश में आय या संपत्ति पर कर चोरी की मुखबिरी करने वाले को 50 लाख रुपये तक इनाम दिया जाता था.

जानकारी के मुताबिक, इनाम प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. अगर उसके द्वारा दी गई जानकारी गलत होगी तो इनामी राशि नहीं दी जाएगी. इसके लिए आयकर विभाग अपने स्तर पर जांच करेगी.

आपको बताते चलें कि कोई भी व्यक्ति जब किसी संपत्ति को अपने पैसे से किसी और के नाम से खरीदता है, तो वह बेनामी संपत्ति कहलाती है. हालांकि, यह जरूरी है कि संपत्ति में लगाया गया पैसे का स्रोत अज्ञात हो, जिसकी जानकारी आयकर विभाग को भी न हो. फिर चाहे उसका पेमेंट कैसे भी किया जाये, उससे कोई फर्क नहीं.

संशोधित हुए नये कानून के तहत, केंद्र सरकार के पास यह अधिकार है कि वो ऐसी संपत्ति को कभी भी जब्त कर सकती है. साथ ही बेनामी संपत्ति की खरीद में दोषी पाये जाने पर खरीददार को 7 सात साल की कैद की सजा हो सकती है.

Next Article

Exit mobile version