कर्नाटक : कर्नाटक में चुनाव प्रचार अभियान के तहत कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर करारा प्रहार कर रहे हैं. भाजपा की ओर से कांग्रेस को घेरने की कमान पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है, तो भाजपा पर हमले की जिम्मेदारी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाल रखी है. कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी पर हमले के लिए अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमले के लिए उतार दिया है. मैदान में आते ही डॉ सिंह ने मोदी और उनकी सरकार पर बड़ा हमला किया.

डॉसिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है. बैंकिंग व्यवस्था के प्रति आम लोगों का विश्वास घट रहा है. हाल के दिनों में जो नगदीसंकट था, उसे टाला जा सकता था. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व पीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर दो बड़ी गलतियां कीं. नोटबंदी और हड़बड़ी में जीएसटी लागू करनेकेउनके फैसले का नुकसान देश की अर्थव्यवस्था को झेलना पड़ा.

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की इन दो भारी गलतियों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था को तो नुकसान पहुंचा ही, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को भी भारी परेशानियों से गुजरना पड़ा. इतना ही नहीं, सरकार के इन दो फैसलों की वजह से 10 हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गये.

डॉ सिंह ने कहा कि वर्ष 2015-16 में ही इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि नीरव मोदी कुछ गड़बड़ी कर रहा है. इसके बावजूद मोदी सरकार ने उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए यदि किसी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, तो वह चुनी हुई सरकार है.

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने नरेंद्र मोदी पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री दावोस में नीरव मोदी की कंपनी में गये थे और उसके कुछ ही दिनों बाद वह देश से फरार हो गया. यह अपने आप में मोदी सरकार की रहस्यमयी दुनिया के क्रियाकलापों को प्रतिबिंबित करता है.

डॉ सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिन-रात जिस तरह से अपने विरोधियों को निशाना बना रहे हैं, देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. आजाद भारत के इतिहास में देश के किसी प्रधानमंत्री ने अपने पद का इस तरह से इस्तेमाल नहीं किया. प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कभी इतनी कम नहीं हुई थी. यह देश और लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है.