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यशवंत सिन्हा को पार्टी ने बहुत कुछ दिया, लेकिन उन्होंने कांग्रेसी की तरह बर्ताव किया : भाजपा

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नयी दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पार्टी छोड़ने की घोषणा से उसे हैरानी नहीं हुई. पार्टी ने कहा कि उनके बयान और लेखन से साफ हो गया था कि वह लंबे समय तक संगठन में नहीं टिकनेवाले और वह कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे […]

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नयी दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पार्टी छोड़ने की घोषणा से उसे हैरानी नहीं हुई. पार्टी ने कहा कि उनके बयान और लेखन से साफ हो गया था कि वह लंबे समय तक संगठन में नहीं टिकनेवाले और वह कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे थे.

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भाजपा के प्रवक्ता और राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने कहा, ‘उनकी टिप्पणी और लेखन से साफ हो गया था कि वह भाजपा में लंबे समय तक नहीं रहनेवाले. पार्टी ने उनका काफी सम्मान किया और महत्वपूर्ण पद दिया, लेकिन उनका आचरण अनुचित था.’ उन्होंने कहा , ‘उनकी (सिन्हा) टिप्पणी कांग्रेस नेता की तरह या विपक्षी दल के इशारे पर काम करनेवाले किसी नेता की तरह लगती थी.’ उन्होंने कहा कि पार्टी सिन्हा की घोषणा से हैरान नहीं है. सिन्हा लगातार सार्वजनिक रूप से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और कार्यशैली की आलोचना कर रहे थे. भाजपा से अलग होने के ऐलान के साथ ही सिन्हा ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.

नौकरशाही से राजनीति में कदम रखनेवाले सिन्हा का जन्म छह नवंबर 1937 को पटना में हुआ था. वह 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी बने और बिहार सरकार तथा केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं का निर्वहन किया. बतौर नौकरशाह अपने 24 साल की अवधि के दौरान वह 1977 में बिहार के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के प्रधान सचिव रहे. लोकनायक जयप्रकाश नारायण से प्रभावित सिन्हा ने 1984 में आईएएस की नौकरी छोड़ दी और जनता पार्टी के सदस्य के तौर पर सक्रिय राजनीति में शामिल हो गये. वह 1986 में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने और 1988 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए. वह 1989 में जनता दल का गठन होने पर इसके महासचिव बने. वह चंद्रशेखर की सरकार में नवंबर, 1990 से जून, 1991 तक वित्त मंत्री रहे.

जनता दल में बिखराव के बाद सिन्हा भाजपा में शामिल हो गये और जून, 1996 में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाये गये. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे. सिन्हा ने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा. इस चुनाव में उनके पुत्र जयंत सिन्हा झारखंड की हजारीबाग सीट से भाजपा के टिकट पर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए. जयंत सिन्हा मौजूदा समय में नरेंद्र मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं. इससे पहले वे वित्त राज्य मंत्री भी थे.

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