नयी दिल्ली : आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने नकदी संकट पर कहा कि हम 500 करोड़ रुपये मूल्य के 500 के नोट हर दिन प्रिंट करते हैं, हम इसकी छपाई पांच गुणा तक बढ़ाने के कदम उठाने जा रहे हैं. हम 500 रुपये के 2500 करोड़ मूल्य के नोट प्रतिदिन आपूर्ति करते हैं. एक महीने में यह आपूर्ति 70 हजार से 75 हजार करोड़ रुपये के बीच होती है.

नकदी के संकट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी ने बैंकिंग सिस्टम को नष्ट कर दिया है. नीरव मोदी 30 हजार करोड़ रुपये लेकर भाग गये, प्रधानमंत्री ने एक शब्द नहीं कहा. उन्होंने हमारी जेब से 500 व 1000 रुपये के नोट छिन लिये और हमें लाइन में खड़ा कर उसे नीरव मोदी की जेब में डाल दिया. वहीं,तृणमूल कांग्रेसकेसांसद डेरेकओब्रायनने कहा है कि यह स्थितिआर्थिक इमरजेंसीहै. उन्होंने कहाथा कि 50दिनों में हर चीज ठीक हो जाएगी, पर अब डेढ़साल से ज्यादाहो गये हैंऔर अब भी नकदी की समस्या बनी हुई है.

नयी दिल्ली/रांची/पटना : बैंकों के एटीएम में नकदी नहीं रहने से लोग परेशान हैं और 2016 के नवंबर-दिसंबर महीने की नोटबंदी के बाद इसे दूसरी नोटबंदी का नाम दे रहे हैं. इस तरह की स्थिति पिछले एक पखवाड़े से बनीहुई है, लेकिन पिछले दो दिनों में समस्या और गहरी हो गयी है. यह समस्या तब और गहरी हो गयी जब इसका हल ढूंढने के लिए वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक, बैंकों व राज्यों के साथ बैठक की. लोग नकदी नहीं रहने से काफी परेशान हैं और वे अपने जरूरी काम भी नहीं कर पा रहे हैं. रांची के रहने वाले राजेश के पास मकान का किराया देने के लिए नकदी नहींथी और देर होने के कारण अंतत: उसे उधार का सहारा लेना पड़ा. इसी तरह एक शादी समारोह में जाने की तैयारी कर रही प्रिया के पास जाने का रेल टिकट तो हैं लेकिन पैसे नहीं हैं. इस वजह से वह ठीक से खरीदारी भी नहीं कर पायी. वहीं, पटना में रह रहे अमित के एटीएम में उसके बड़े भाई ने पैसे ट्रांसफर तो कर दिये हैं, लेकिन उसे कोचिंग वालों को पैसे का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं.

नकदीकीइस किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आ गयी है. वित्त राज्य मंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है अभी हमारे पास 1, 25, 000 करोड़ रुपये कीनकदी है. परेशानी है कि कुछ राज्यों में नकदी कम है और कुछ राज्यों में अधिक. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे संतुलित करने के लिए राज्यवार कमेटी बनायी है और आरबीआइ ने भी इन नकदी को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए कमेटी का गठन किया है. सरकार की ओर से कहा गया है दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.

कैश संकट पर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआइ के चीफ ने भी बयान दिया है. उन्होंने न्यूज चैनल एनडीटीवी से कहा है कि कैश की दिक्कत सरकार के इयर इंड पेमेंट के चलते हुई है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे डरे नहीं, साथ आमलोग से उन्होंने आग्रह किया कि वे नकदी का संग्रह नहीं करें.


कैश की किल्लत की समस्या के मीडिया में तूल पकड़ने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस मामले में ट्वीट कर स्थिति को साफ करने का प्रयास किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि देश में नकदी की स्थिति की समस्या की है. कुल मिलाकर देश में जरूरत के अधिक नकदी है और यह बैंकों के पास भी उपलब्ध है. उन्होंने मौजूदा संकट का कारण कुछइलाकों में नोटों की मांग अचानक व असामान्य वृद्धि को बताया. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में इस समस्या से त्वरित रूप में निबटा जा रहा है.

चुनावी राज्य कर्नाटक, बिहार, नगर निकाय चुनाव से गुजर रहे झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व तेलंगाना जैसे राज्यों में नकदी की अधिक दिक्कत है. जानकारों का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं वहां नकदी प्रवाह अधिक तेज हो जाता है, जिससे भी उसकी दिक्कत होती है. बिहार में नकदी की दिक्कत का एक कारण परिवहन दिक्कतों को भी बताया जा रहा है, खासकर उत्तर बिहार में.

भाेपाल के लोगों ने आज कहा कि हम नकदी के संकट से गुजर रहे हैं. एटीएम नोट नहीं दे रहे हैं. यह स्थिति 15 दिन से बनी हुई है. तेलंगाना के हैदराबाद में कई एटीएम खाली हैं. दिल्ली के लोगों ने हम नकदी की दिक्कत का सामना कर रहे हैं. ज्यादातर एटीएम पैसे नहीं दे रहे हैं, कुछ सिर्फ 500 के नोट दे रहे हैं.

एटीएम में नोटों की कमी का हाल यह है कि पिछले दिनों वित्त मंत्रालय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एटीएम में नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश देना पड़ा. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अफसरों को हालात पर नजर रखने को कहा है. एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यह मामला केंद्र के सामने उठाने की बात कही है.

पिछले सप्ताह की बैठक बेअसर

पिछले सप्ताह 11 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक, विभिन्न बैंकों के अधिाकारियों व राज्य सरकार के अफसरों के साथ नकदी संकट पर बैठक की थी और उसमें इस मुद्दे से निबटने के उपायों पर चर्चा की गयी थी. पर, छह दिन बाद भी इस बैठक का जमीन पर असर नहीं दिख रहा है, उल्टे समस्या और गहरी हो गयी है. हालांकि आरबीआइ सूत्रों का दावा है कि नकदी का संकट नहीं है और स्थानीय गतिविधियों के कारण उतार-चढ़ाव के कारण यह स्थिति बनती है.