अन्ना का सत्याग्रह: 7 साल बाद फिर सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल

नयी दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में शुक्रवार से 7 साल बाद फिर अनशन करने जा रहे हैं. इस बार आंदोलन में जनलोकपाल के साथ देशभर के किसानों की परेशानियों को प्रमुखता से उठाये जाने की योजना है. अनशन से पहले आज अन्ना राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2018 11:43 AM
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नयी दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में शुक्रवार से 7 साल बाद फिर अनशन करने जा रहे हैं. इस बार आंदोलन में जनलोकपाल के साथ देशभर के किसानों की परेशानियों को प्रमुखता से उठाये जाने की योजना है. अनशन से पहले आज अन्ना राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने समर्थकों के साथ शहीद मार्ग का रुख किया जहां से मार्च करते हुए वे रामलीला मैदान के लिए निकलेंगे. गौर हो कि 2011 में अन्ना ने लोकपाल बिल की मांग को लेकर जंतरमंतर पर भूख हड़ताल की थी जिसके बाद रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन हुआ, जिसमें लाखों लोग जुटे थे.

अनशन से पहले अन्ना ने पुलिस और सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन से दिल्ली में ट्रेन रोकी जा सकती हैं. वे हमें हिंसा के लिए उकसाना चाहते हैं. सरकार ने मेरे पीछे भी पुलिस लगायी है. मैंने उन्हें कई बार लिखा कि हमें पुलिस सुरक्षा की कोई आवश्‍यकता नहीं है. आपकी सुरक्षा मुझे नहीं बचा सकती है. यह सरकार का मूर्खता पूर्ण रवैया है.

उल्लेखनीय है कि अन्ना इस बार के आंदोलन में किसानों की समस्याएं उठाएंगे. किसानों की सुनिश्चित आय, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगें एजेंडे में शामिल हैं. पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, वे आंदोलन कर रहे हैं. इन सब के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. पिछली बार के आंदोलन से अन्ना ने सबक लिया है और यह साफ कह दिया है कि इस बार राजनीतिक दल उनके इस आंदोलन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शांति भूषण और कुमार विश्वास जैसे कुछ पुराने सहयोगी आंदोलन को समर्थन देने अनशन स्थल पर जा सकते हैं.

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