‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुंबई : निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के वरिष्ठ अधिकारी मंगलवारको गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के समक्ष उपस्थित हुए. एसएफआईओ ने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में निजी क्षेत्र सहित उन सभी बैंकों से भी संपर्क किया है जिनका पैसा नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की प्रवर्तित कंपनियों में फंसा है.
एक्सिस बैंक ने खुलासा किया है कि उसने नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चौकसी द्वारा प्रवर्तित कंपनियों को 200 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है. सूत्रों के अनुसार, घोटाले के केंद्र में स्थित पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील मेहता को भी बुधवार को बुलाया गया है. कंपनी से लेन-देन से जुड़े सभी 30 से अधिक बैंकों के अधिकारियों को बुलाया जा रहा है. एक्सिस बैंक के उप प्रबंध निदेशक वी श्रीनिवासन तथा व्यापार और लेनदेन विभाग के कार्यकारी एसएफआईओ कार्यालय गये. एजेंसी ने उन्हें जांच में मदद के लिए बुलाया था.
एक्सिस बैंक ने देर शाम नियामकीय सूचना में कहा, ‘एसएफआईओ ने नीरव मोदी और गीतांजलि समूह की कंपनियों के खातों के बारे में सूचना मांगी. एक्सिस बैंक ने उनकी कंपनियों को करीब 200 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है.’ सूत्रों ने कहा कि इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक भी एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय गये. वहां उन्होंने गीतांजलि जेम्स को दिये कर्ज के बारे में सवालों के जवाब दिये. आईसीआईसीआई बैंक का गीतांजलि के ऊपर 600 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके साथ बैंक 31 बैंकों के समूह में अग्रणी बैंक है. समूह ने कंपनी को 6,800 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज दिये हैं. सूत्रों के मुताबिक, एसएफआईओ ने उन सभी बैंक के शीर्ष प्रबंधन को पत्र लिखा है जिन्होंने कर्ज या कोई अन्य सेवाएं दी हैं. एसएफआईओ के अलावा सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय पीएनबी घोटाला मामले की जांच कर रहे हैं.